HMPV Virus Threat in Prayagraj Mahakumbh 2025 8 जनवरी 2025 : पूरी दुनिया में लाखों लोगों की जान लेने वाले कोरोना वायरस के जनक चीन में एक और वायरस ने दहशत फैला रखी है. इसका असर महाकुंभ में भी दिख रहा है. चीन में पैदा हुए इस नए वायरस का अलर्ट महाकुंभ में सुनाई दे रहा है. इस वायरस को HMPV यानी ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस बताया जा रहा है. जिसकी चपेट मे आए मरीज़ों की भीड़ से चीन के अस्पताल भरे हुए हैं. ये वायरस इतना खतरनाक है कि पिछले 10 दिनों में इसके संक्रमण ने 600 गुणा की रफ्तार पकड़ी है.
भले ही इस वायरस का कोई मामला अब तक भारत में ना आया हो. लेकिन प्रयागराज में शुरू होने जा रहे महाकुंभ पर इसके संभावित असर से सभी चिंता में हैं. संतों ने इस खतरे से निपटने के लिए चीन से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाने की अपील की है.
चीन की उड़ानों पर रोक लगाने की मांग
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने मांग की है कि चीन से आ रही फ्लाइटों पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए और महाकुंभ में चीन से आने वालों को बैन किया जाए. उन्होंने यह भी अपील की कि महाकुंभ में चीन से या वहां की यात्रा करके आया कोई भी व्यक्ति घुसना नहीं चाहिए.
हालांकि अभी तक भारत में किसी भी केस की पुष्टि नहीं हुई है. आईसीएमआर ने भी कहा है कि फिलहाल डरने की कोई बात नहीं है लेकिन कुंभ मेले में आने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. लिहाजा महाकुंभ में महाकुंभ में वायरस से निपटने की तैयारी जारी है. किसी भी आपदा से निपटने के लिए महाकुंभ में 100 बेड का अस्पताल तैयार कर लिया गया है. साथ ही उसमें चौबीसों घंटे डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की तैनाती भी सुनिश्चित की जा रही है.
महाकुंभ में बनाया गया 100 बेड का अस्पताल
एक तरफ महाकुंभ पर चीन के नए वायरस का खौफ है तो दूसरी तरफ महाकुंभ में किसी भी संकट से निपटने की पूरी तैयारी है. महाकुंभ में बनाए गए इस अस्पताल को हाई टेक बना दिया है. जहां 100 बेड के साथ पूरा अस्पताल तैयार है. भले ही भारत में इस वायरस की कोई पुष्टि नहीं हुई हो. लेकिन आने वाले खतरे से पहले ही तैयारी पूरी है. क्योंकि इसे किसी भी हालत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
2019 में आए कोरोना वायरस को तो आप बखूबी जानते होंगे. उसके खतरे भी आप देख चुके हैं. लेकिन महाकुंभ में जिस नए चीनी वायरस के खतरे का अंदेशा है. आखिर वो कितना खतरनाक है. वो आपके लिए जानना बेहद जरूरी है.
क्या है HMPV वायरस?
HMPV यानी ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस. बताया जा रहा है कि इस वायरस से सांस की बीमारी होती है. ये वायरस सभी उम्र के लोगों में फैलता है. लेकिन सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर होता है. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर बीमारी फैलती है. सवाल ये भी उठ रहे हैं कि चीन में फैला HMPV वायरस कोई साजिश तो नहीं क्योंकि महाकुंभ में पहुंचा संत समाज ऐसी ही आशंका जता रहा है.
2019 में नवंबर जब कोरोना वायरस का जन्म हुआ तो किसी को अंदाजा भी नहीं था कि कोरोना चीन से बाहर निकलकर दुनियाभर में महासंकट पैदा कर देगा. चीन ने इस वायरस को खूब छुपाने की कोशिश की. लेकिन पूरी दुनिया को चीन की साजिश का पता चल गया. 2019 के जनवरी में पहली बार भारत में कोरोना आया और मार्च में लॉकडाउन लगाना पड़ गया. 2020 के हरिद्वार कुंभ को भी कोरोना स्प्रेडर के तौर पर देखा गया. यही वजह है कि संत समाज महाकुंभ के बीच चीन के वायरस को साजिश के तौर पर देख रहा है. इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन ने भी चीन से आने वाले सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग को जरूरी बताया है.
इस वायरस के डर को देखते हुए WHO ने भी चिंता जताई है. WHO ने चीन से इस वायरस के बारे में जानकारी मांगी है. HMPV संक्रमण से जुड़ी डिटेल साझा करने को कहा है. वहीं चीन ने हालात सामान्य होने का दावा किया है. चीन का कहना है कि फिलहाल डरने की बात नहीं है.
एक तरफ चीन ये कह रहा है कि इस वायरस से डरने की बात नहीं हैं. दूसरी तरफ चीन में नए वायरस से हाहाकार मचा हुआ है. जल्द ही स्कूल बंद किये जाने की आशंका जताई जा रही है.
प्रयागराज में पकड़ा गया नक्सल आरोपी
प्रयागराज महाकुंभ में एक तरफ आतंकी खतरा मंडरा रहा है. तो दूसरी तरफ नक्सली खतरे का भी खौफ है. इसका पहला ट्रेलर आ गया. जब योगी फोर्स ने प्रयागराज से एक नक्सली को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने मनीष श्रीवास्तव नाम के नक्सली को गिरफ्तार किया गया. सबूतों के आधार पर नक्सली मनीष को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
खबर की पुख्ता जानकारी के लिए जी न्यूज ने नक्सली गतिविधियों में संलिप्त मनीष के पिता से भी बातचीत की. मनीष पहले भी नक्सली गतिविधियों में संलिप्त होने के मामले में जेल भेजा गया था. वो इन दिनों जमानत पर रिहा हुआ था. इसके अलावा फोरेंसिक डाटा रिपोर्ट आने के बाद ये पता चला है कि मनीष के खिलाफ धारा 13, 18 और 38 विधि निवारण अधिनियम को जोड़ा गया था.
