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June 2025 व्रत-त्योहार कैलेंडर: जानें गंगा दशहरा से रथयात्रा की तारीखें

30 मई 2025 : अंग्रेजी कैलेंडर का छठा माह जून का प्रारंभ 1 तारीख दिन रविवार से होने जा रहा है. जून के महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आने वाले हैं, जो शुभ फलदायी हैं. जून 2025 में गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, मिथुन संक्रांति, जगन्नाथ रथयात्रा जैसे व्रत, पर्व आदि आएंगे. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव बताते हैं कि 1 जून के दिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है, उस दिन स्कंद षष्ठी व्रत है. उस दिन ध्रुव योग और अश्लेषा नक्षत्र है. जून के पहले दिन रवि योग भी बन रहा है, जो सुबह 05:24 ए एम से रात 09:36 पी एम तक है. ऐसे देखा जाए तो जून का प्रारंभ रवि योग में होने वाला है. रवि योग में सूर्य का प्रभाव अधिक होता है, जिसकी वजह से सभी दोष मिट जाते हैं. रवि योग सभी दोषों को खत्म कर देने वाला है. आइए जानते हैं जून के व्रत और त्योहारों के बारे में.

जून 2025 व्रत-त्योहार कैलेंडर

1 जून, दिन: रविवार: स्कन्द षष्ठी
3 जून, दिन: मंगलवार: मासिक दुर्गाष्टमी, तीसरा बड़ा मंगल, धूमावती जयंती
4 जून, दिन: बुधवार: महेश नवमी
5 जून, दिन: गुरुवार: गंगा दशहरा
6 जून, दिन: शुक्रवार: गायत्री जयंती, निर्जला एकादशी

7 जून, दिन: शनिवार: निर्जला एकादशी पारण
8 जून, दिन: रविवार: प्रदोष व्रत
10 जून, दिन: मंगलवार: वट पूर्णिमा व्रत, चौथा बड़ा मंगल, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
11 जून, दिन: बुधवार: कबीरदास जयंती, ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान-दान
12 जून, दिन: गुरुवार: आषाढ़ माह का प्रारंभ, प्रतिपदा तिथि

14 जून, दिन: शनिवार: कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी
15 जून, दिन: रविवार: मिथुन संक्रांति
18 जून, दिन: बुधवार: कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
21 जून, दिन: शनिवार: योगिनी एकादशी, साल का सबसे बड़ा दिन
22 जून, दिन: रविवार: योगिनी एकादशी पारण, मासिक कार्तिगाई

23 जून, दिन: सोमवार: सोम प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
24 जून, दिन: मंगलवार: रोहिणी व्रत
25 जून, दिन: बुधवार: दर्श अमावस्या, आषाढ़ अमावस्या
26 जून, दिन: गुरुवार: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, कलश स्थापना, चंद्र दर्शन
27 जून, दिन: शुक्रवार: जगन्नाथ रथयात्रा

28 जून, दिन: शनिवार: विनायक चतुर्थी
30 जून, दिन: सोमवार: स्कंद षष्ठी

निर्जला एकादशी व्रत: यह सभी एकादशी व्रतों के पुण्य को देने वाली है. इस व्रत में आप जल और अन्न ग्रहण नहीं करते हैं. विधि विधान से निर्जला एकादशी का व्रत करने से सभी पाप मिटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस बार की निर्जला एकादशी 32 घंटे की है. उसके बाद ही व्रती को पानी पीने को मिलेगा. जो लोग स्वस्थ नहीं हैं, उनको यह व्रत नहीं करना चाहिए. आप निर्जला एकादशी की व्रत कथा को सुनें. उसका लाभ उठाएं.

गंगा दशहरा: निर्जला एकादशी से एक दिन पहले गंगा दशहरा होता है. इस दिन गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था. गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से पाप मिटते हैं और मोक्ष मिलता है. आप अपनी क्षमता के अनुसार दान पुण्य कर सकते हैं. गंगा दशहरा पर पितरों के मोक्ष के लिए भी उपाय कर सकते हैं.

बड़ा मंगलवार व्रत: जून के महीने में बड़ा मंगल के दो व्रत हैं. इस दिन हनुमान जी की पूजा करते हैं और उनके प्रिय भोग अर्पित करते हैं. इस अवसर पर लोग भंडारे का आयोजन करते हैं. बजरंगबली की कृपा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

सोम प्रदोष और मासिक शिवरात्रि साथ: जनू में 23 तारीख को सोम प्रदोष व्रत के साथ ही मासिक शिवरात्रि का सुंदर संयोग बना है. जो व्यक्ति व्रत रखेगा, उसे सोम प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि दोनों का पुण्य लाभ प्राप्त होगा. शिव कृपा से आपके कष्ट और संकट मिटेंगे. आप निरोगी रहेंगे.

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