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जौनपुर: मजदूर को 4.42 करोड़ का GST नोटिस, परिवार सदमे में

 05 सितंबर 2025 : उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मजदूर के नाम पर कागजों में फर्म बनाकर 24 करोड़ 55 लाख 80 हजार रुपये का टर्नओवर दिखाया गया। इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब मजदूरी करके परिवार चलाने वाले रोहित सरोज को 4 करोड़ 42 लाख 4 हजार 400 रुपये का जीएसटी भुगतान नोटिस मिला। नोटिस मिलते ही रोहित और उनके परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई। पीड़ित ने इस जालसाजी के खिलाफ पुलिस महानिरीक्षक समेत अन्य अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।

मजदूरी करता है पीड़ित परिवार
मामला जौनपुर के मुंगराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के धौरहरा गांव का है। यहां रहने वाले रोहित सरोज की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। रोहित और उनके बड़े भाई मजदूरी करके महीने में 10 से 15 हजार रुपये कमाते हैं, जिससे किसी तरह परिवार का भरण-पोषण होता है। लेकिन जालसाजों ने उनके नाम पर ऐसी साजिश रची कि उन्हें करोड़ों रुपये का जीएसटी नोटिस थमा दिया गया।

नोटिस से खुला फर्जीवाड़े का राज
30 अगस्त को जौनपुर के उपायुक्त राज्यकर एवं सहायक आयुक्त जीएसटी की ओर से रोहित सरोज को एक नोटिस जारी किया गया। नोटिस में आरोप लगाया गया कि रोहित ने आर.के. ट्रेडर्स नामक फर्म के जरिए एक महीने में 24 करोड़ 55 लाख 80 हजार रुपये का टर्नओवर किया, लेकिन इसका जीएसटी जमा नहीं किया। नोटिस में 4 करोड़ 42 लाख 4 हजार 400 रुपये का जीएसटी बकाया बताया गया। इस नोटिस ने रोहित और उनके परिवार को हतप्रभ कर दिया।

परिवार ने अधिकारियों को बताया कि वे गरीब मजदूर हैं और उनका कोई व्यवसाय नहीं है। अधिकारियों ने सूचित किया कि आर.के. ट्रेडर्स फर्म में रोहित के दस्तावेजों का उपयोग करके यह लेनदेन दिखाया गया है। पीड़ित को 10 सितंबर को जौनपुर जीएसटी कार्यालय में तलब किया गया है।

फर्म का पता और लेनदेन का विवरण
जांच में पता चला कि आर.के. ट्रेडर्स फर्म जौनपुर के मुंगराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के नीभापुर गांव में रजिस्टर्ड है। इस फर्म के जरिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के जून महीने में 24 करोड़ 55 लाख 80 हजार रुपये का लेनदेन दिखाया गया। लेनदेन में एक अज्ञात व्यक्ति का मोबाइल नंबर (9117976438) और बिलिंग नंबर (00) दर्ज है, साथ ही GSTIN नंबर UPGAU09NQCPS9300E1Z1 का उल्लेख है।



कैसे हुआ फ्रॉड?
रोहित सरोज ने बताया कि कुछ समय पहले उनके पास एक अज्ञात नंबर से फोन आया था। कॉल करने वाले ने खुद को उनका दूर का रिश्तेदार बताकर नौकरी दिलाने का लालच दिया। उसने फोन पर ही रोहित से आधार कार्ड, पैन कार्ड और एक ओटीपी मांगा, जो रोहित ने अनजाने में दे दिया। नौकरी तो नहीं मिली, लेकिन अब उनके नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा सामने आया।

पुलिस में शिकायत, जांच शुरू
नोटिस मिलने के बाद रोहित और उनका परिवार सदमे में है। उनका कहना है कि मजदूरी करके जीवन चलाने वाले लोग करोड़ों रुपये का भुगतान कैसे कर सकते हैं? रोहित ने इस जालसाजी के खिलाफ पुलिस महानिरीक्षक और अन्य अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की मांग की है। मुंगराबादशाहपुर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जालसाजों का पता लगाने में जुट गई है।

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