जालंधर 20 अक्टूबर 2025 : जालंधर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है। मुख्य चौराहों पर लगी ज्यादातर ट्रैफिक लाइटें या तो बंद पड़ी हैं या फिर गड़बड़ी वाले तरीके से चल रही हैं। इससे न सिर्फ शहर का यातायात बाधित हो रहा है बल्कि आए दिन जाम की स्थिति भी बन रही है।
ट्रैफिक विशेषज्ञों का मानना है कि शहर की सभी ट्रैफिक लाइटों को एक सिस्टम के तहत सिंक्रोनाइज करना बेहद जरूरी है, ताकि एक चौराहे से दूसरे चौराहे तक वाहनों की आवाजाही में तालमेल बना रहे।
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से पंजाब सरकार के ट्रैफिक एडवाइजर ने काफी समय पहले जालंधर का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने डीसीपी ट्रैफिक, नगर निगम के इंजीनियरों और कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के प्रोजेक्ट मैनेजर के साथ मिलकर विस्तृत सर्वे किया था। बताया जाता है कि उस सर्वे के तहत शहर की सभी ट्रैफिक लाइटों की कार्यप्रणाली, टाइमिंग और तकनीकी स्थिति का अध्ययन किया गया था। हालांकि, इस सर्वे की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हो पाई। सूत्रों के अनुसार, यह रिपोर्ट फाइलों में ही दबकर रह गई और उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
गौरतलब है कि ट्रैफिक एडवाइजर ने न केवल नगर निगम और पुलिस अधिकारियों से कई दौर की बैठकों में सुझाव साझा किए थे, बल्कि शहर के गणमान्य नागरिकों और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों से भी बातचीत की थी। इन बैठकों में शहर की ट्रैफिक मैनेजमैंट, रोड सेफ्टी और ब्लैक स्पॉट्स जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा हुई थी।
इसके अलावा, जिला प्रशासन की ओर से भी रोड सेफ्टी को लेकर कई बैठकें जिलाधीश कार्यालय में आयोजित की गईं। इनमें ट्रैफिक सिग्नल्स की सिंक्रोनाइजेशन, सीसीटीवी कैमरों के रखरखाव और स्मार्ट रोड सिस्टम लागू करने के सुझाव दिए गए थे। परंतु, अधिकांश सुझावों पर अब तक अमल नहीं हो पाया है। शहर के लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही सभी ट्रैफिक लाइटों को सिंक्रोनाइज नहीं किया गया, तो जाम की समस्या और गंभीर रूप ले सकती है। खासकर पीक आवर्स में ज्यादातर इलाकों में ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो जाता है। नागरिकों की मांग है कि स्मार्ट सिटी मिशन और ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत लंबित पड़ी योजनाओं को जल्द लागू किया जाए ताकि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार आ सके और सड़क सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।
