जालंधर 13 जुलाई 2025 जालंधर नगर निगम की अफसरशाही की लचर कार्यप्रणाली के कारण बहुचर्चित बर्ल्टन पार्क स्पोर्ट्स हब प्रोजेक्ट एक बार फिर अधर में लटकता नजर आ रहा है। पर्यावरण नियमों की अनदेखी करते हुए निगम ने 56 पेड़ों की कटाई की नीलामी का विज्ञापन जैसे ही जारी किया, स्थानीय लोगों में भारी रोष फैल गया और अब मामला सीधे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया।
करीब 12 साल पहले बर्ल्टन पार्क वेलफेयर सोसाइटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पेड़ों की कटाई पर रोक लगवाई थी। तब निगम ने शपथपत्र देकर वादा किया था कि बिना एनवायरनमैंटल इंपैक्ट कमेटी की मंजूरी कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा। लेकिन नए अधिकारियों ने पुरानी फाइलों की पड़ताल तक नहीं की और न ही सत्तापक्ष के नेताओं को समय रहते सचेत किया। सोसायटी के महासचिव और पर्यावरण प्रेमी हरीश शर्मा के अनुसार, निगम द्वारा पुराने कोर्ट आदेशों की अवहेलना करने पर अब अदालत की अवमानना का केस दर्ज हो चुका है और हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार कर सोमवार को सुनवाई तय कर दी है। गौरतलब है कि मेयर वनीत धीर, आप नेता नितिन कोहली और सांसद डॉ. अशोक मित्तल ने इस प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू करवाने में अहम भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने इसका उद्घाटन कर इसे सरकार की बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश किया था। हालांकि अब मेयर ने घोषणा की है कि बर्ल्टन पार्क परिसर से कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा और सभी पेड़ों को सुरक्षित स्थान पर ट्रांसप्लांट किया जाएगा। लेकिन अगर हाईकोर्ट ने सख्त आदेश पारित किए, तो प्रोजेक्ट की समयसीमा प्रभावित हो सकती है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि आप सरकार इस प्रोजैक्ट को विधानसभा चुनाव में भुनाने की तैयारी में थी, लेकिन निगम की लापरवाही ने सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया है। अब देखना होगा कि मेयर का ‘बिना पेड़ काटे प्रोजैक्ट पूरा करने’ का प्लान कितना सफल होता है, या यह प्रोजेक्ट फिर सालों तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहेगा।
