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क्या विधायक के पुलिस अधिकारी और SHO के खिलाफ होगी कार्रवाई?

जालंधर 24 मई 2025विजिलैंस ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए आम आदमी पाटी के विधायक रमन अरोड़ा के साथी एक पुलिस अधिकारी, जिसका तबादला हो चुका है और एक एस.एच.ओ. के कारनामे भी सामने आ रहे हैं। सैंट्रल हलके के लोगों का कहना है कि विधायक के कहने पर एक पुलिस अधिकारी एफ.आई.आर. दर्ज करते थे। विधायक अपनी सत्ता थाने में जमाने के लिए अपने हलके में एक एस.एच.ओ. भी लगवा दिया। उक्त पुलिस अधिकारी तथा एस.एच.ओ. ने विधायक से तबादला न करवाने की डील की थी। इसके बाद दोनों ही विधायक के इशारों पर काम कर रहे थे।

महानगर के पुलिस कमिश्नर बदल जाते थे, लेकिन उक्त पुलिस अधिकारी तथा एस.एच.ओ. का तबादला नहीं होता था। काफी साल तक एक ही थाने में तैनात रहकर लोगों पर अत्याचार करते रहे। पुलिस अधिकारी तथा एस.एच.ओ. मिलकर सारा खेल विधायक के इशारों पर खेलते थे। उदाहरण के तौर पर यदि किसी बडे़ मामले में लाखों-करोड़ों का लेन-देन या फिर बडे़ घराने के पारिवारिक कलह के मामले थाने में गए तो एस.एच.ओ. उन्हें विधायक के आफिस जाने को बोलते थे। पुलिस अधिकारी भी कम नहीं था और वह भी पीड़ित को डराकर विधायक की शरण में भेज देता था।

सूत्रों की मानें तो विधायक से सैटिंग होने के बाद ही एफ.आई.आर. दर्ज होती थी। गौर हो कि हाल में ही विधायक की सरकार द्वारा सुरक्षा वापस लेने को लेकर एक दुकानदार ने मिठाई बांट कर खुशी तक व्यक्त की थी।

मोटे पी.ए. पर भी विजीलैंस की नजर

सूत्रों की मानें तो विजिलैंस की नजर विधायक के आफिस में बैठने वाले मोटे व्यक्ति पर है जोकि अपने आपको विधायक का पी.ए. कहकर अधिकारियों पर दबाव बनाकर लोगों को भी तंग करता था। सूत्रों के अनुसार लेन-देन के मामलों में वह मोटी रकम लेने पर हिस्सा विधायक तक पहुंचाने का काम करता था। विधायक के आफिस के पास एक दुकानदार ने नाम न छापने पर कहा कि यदि विजिलैंस उक्त मोटे पी.ए. से सख्ती से पूछताछ करे तो विधायक के काफी राज खुल सकते हैं।

इसके अलावा पुलिस विभाग में रहकर विभाग के लिए नहीं बल्कि विधायक के लिए काम करने वाले पुलिस अधिकारी तथा विवादित एस.एच.ओ. से भी विजिलैंस पूछताछ करे तो कई कारनामे सामने आ सकते हैं। सूत्रों की मानें तो पाप की कमाई से दोनों ने काफी प्रॉपर्टीज तथा काला धन जमा कर रखा है।

विधायक के गिरफ्तारी की सूचना पर उसके खासमखास एस.एच.ओ. का बी.पी. बढ़ा

वहीं सैंट्रल इलाका निवासियों का कहना है कि जिस तरह मुगल लोगों को लूटने हेतु जजिया कर लगा देते थे, उसी तरह विधायक के अपने इलाके में लगाए एस.एच.ओ. मुगल शासक की तरह लोगों को परेशान कर जजिया कर वसूलते और अपने हिस्सा रखकर बाकी विधायक के पास पहुंचाते थे। किसी ने शराब तस्करी या अवैध लॉटरी का कारोबार करना है तो उक्त एस.एच.ओ. पूरी सैटिंग करता था। पूर्व पुलिस कमिश्नर भी उक्त एस.एच.ओ. को पसंद नहीं करते थे, लेकिन विधायक के कहने पर एस.एच.ओ. को बदलते भी नहीं थे।

पुलिस सूत्रों की मानें तो विधायक का जजिया कर इकट्ठा करने वाले एस.एच.ओ., जोकि अब महानगर के संवेदनशील थाने में लगा है, का विधायक की गिरफ्तारी की खबर सुनकर बी.पी. बढ़ गया है और उसने एक प्राइवेट क्लीनिक में जाकर बी.पी. चैक करवाया और दवाई ली है।

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