पुणे 14 नवंबर 2025 : इंस्टाग्राम पर बनी पहचान पहले बातचीत में बदली, फिर गहरी दोस्ती में, और आखिरकार नशे के लिए पैसे जुटाने की लालच में कुछ युवकों ने मिलकर बनाई एक अपराधी गैंग। दिवाली की छुट्टी का फायदा उठाकर इस ‘इंस्टागैंग’ ने शहर के खाली पड़े घरों पर नज़र रखते हुए कुल आठ चोरी की वारदातों को अंजाम दिया, जिसका खुलासा अब हुआ है।
इंस्टाग्राम से शुरू हुई दोस्ती
इस गैंग में एक बाल अपराधी भी शामिल था, जिसके खिलाफ पहले से ही नौ मामले दर्ज हैं। विमानतळ पुलिस स्टेशन की क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई करते हुए करीब 14 लाख रुपये का माल बरामद किया। गैंग का लीडर नवनाथ उर्फ लखन बाळू मोहिते (22, वैदुवाड़ी, हडपसर) है, जिसके खिलाफ हडपसर पुलिस स्टेशन में ड्रग्स रखने और बेचने का गंभीर मामला पहले से दर्ज है। उसके साथ शिवम दत्ता अवचर (19, नरहे) और एक नाबालिग ने मिलकर यह आपराधिक गिरोह बनाया। इंस्टाग्राम पर हुई जान-पहचान के बाद इन युवकों ने नशे का खर्च निकालने के लिए घरफोड़ियों का रास्ता अपनाया।
कैसे हुआ पर्दाफाश?
चोरी के दौरान आरोपी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते थे, जिससे पुलिस के लिए उनका सुराग लगाना मुश्किल हो गया। 21 अक्टूबर को हुई बड़ी चोरी की जांच में पुलिस ने 250 से अधिक CCTV फुटेज की पड़ताल की। कड़ी मेहनत के बाद पुलिसकर्मियों योगेश थोपटे, ज्ञानदेव आवारी, लालू कणे और हरीप्रसाद पुंडे ने आरोपियों की पहचान की और जाल बिछाकर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने दिवाली के दौरान सात और घरफोड़ियों की कबूलियत की।
गैंग से 10 लाख रुपये के आभूषण, चोरी में उपयोग की गई बाइक, और 2 लाख 6 हजार रुपये की अतिरिक्त सोना व नकदी बरामद की गई। जांच में ये भी सामने आया कि चोरी का कुछ सोना उन्होंने एक सराफ को बेच दिया था। पुलिस ने उस सराफ को भी गिरफ्तार कर 4 तोला सोना बरामद किया है।
पूरी कार्रवाई उप-आयुक्त सोमय मुंडे और सहायक आयुक्त प्रांजली सोनवणे के मार्गदर्शन में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक गोविंद जाधव, निरीक्षक शरद शेळके, उपनिरीक्षक मनोज बरुरे, नितीन राठौड़ और उनकी टीम ने की।
हाल ही में पुलिस की निगाह में आया है कि कई अपराधी सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं। रील्स, स्टेटस और कमेंट्स के माध्यम से वे एक-दूसरे को समर्थन देते हैं या फिर मिलकर अपराध की योजना बनाते हैं।
