19 जुलाई 2025 : महाराष्ट्र में मराठी और हिंदी भाषा को लेकर लंबे समय से चल रहा विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। वकील घनश्याम उपाध्याय द्वारा दाखिल इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज ठाकरे ने हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ हिंसा भड़काने और भाषावादी नफरत फैलाने वाले बयान दिए हैं।
याचिका में मांग की गई है कि राज ठाकरे और उनके पार्टी कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज की जाए। राज ठाकरे ने हाल ही में मिरारोड में हुई एक सभा में हिंदी भाषियों को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा था:
“अगर कान पर मराठी समझ नहीं आती, तो कान के नीचे मराठी पहुंचेगी।”
इसके बाद मिरारोड, पुणे और पालघर में हिंदी भाषियों के खिलाफ हिंसक घटनाएं सामने आईं।
राज ठाकरे के बयान को लेकर वकीलों ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की मांग की है और मुंबई हाईकोर्ट में भी इस भाषण को लेकर याचिकाएं दाखिल हुई हैं। याचिकाकर्ताओं ने इसे द्वेषपूर्ण और उकसावेभरा भाषण बताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
इस पूरे घटनाक्रम से शिवसेना (उद्धव गुट) और शिंदे गुट की राजनीति भी प्रभावित हो सकती है, क्योंकि भाषा का मुद्दा महाराष्ट्र की सियासत में हमेशा से संवेदनशील रहा है।
