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दिल्ली में हाई-वोल्टेज एक्शन: 5 स्टार होटल पर NSG कमांडो की चॉपर से एंट्री

18 जुलाई 2025 : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आतंकवादी हमलों से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स (NSG) ने एक विशाल मॉक ड्रिल का आयोजन किया। यह महत्वपूर्ण अभ्यास राजधानी के प्रतिष्ठित पाँच सितारा होटल ‘द क्लेरिजेस’ (जनपथ) में किया गया जिसने सुरक्षा एजेंसियों की उच्चस्तरीय तैयारियों को उजागर किया। मॉक ड्रिल की शुरुआत एक काल्पनिक बम धमाके की सूचना के साथ हुई। सूचना मिलते ही NSG, दिल्ली पुलिस और स्पेशल सेल की टीमें तुरंत होटल पहुँचीं और पूरा ऑपरेशन शुरू कर दिया।

हवाई अभ्यास का प्रदर्शन: चॉपर से कमांडो की रस्सियों के सहारे एंट्री

इस ड्रिल की सबसे खास बात हवाई अभ्यास थी जिसमें एक चॉपर (हेलीकॉप्टर) के ज़रिए NSG कमांडोज़ को सीधे होटल की छत पर पहुँचाया गया। चॉपर ने छत पर लैंड नहीं किया बल्कि हवा में रहते हुए ही कमांडोज़ ने रस्सियों के सहारे नीचे उतरकर होटल के अंदर प्रवेश किया। यह अभ्यास दर्शाता है कि सुरक्षा एजेंसियाँ किसी भी गंभीर और अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए किस स्तर की तैयारी कर रही हैं।

ड्रिल का उद्देश्य: तालमेल और त्वरित प्रतिक्रिया

मॉक ड्रिल का उद्देश्य केवल कार्रवाई दिखाना नहीं था बल्कि घायलों को सुरक्षित बाहर निकालने, इलाके को खाली कराने, संदिग्धों की पहचान और तलाशी जैसे महत्वपूर्ण अभ्यासों को भी शामिल किया गया था। इसका मुख्य मकसद यह था कि किसी वास्तविक आतंकी हमले की स्थिति में सभी एजेंसियों के बीच बेहतरीन तालमेल बना रहे और रिस्पॉन्स टाइम (प्रतिक्रिया देने में लगने वाला समय) में कोई देरी न हो।

दिल्ली के 10 अलग-अलग इलाकों में 18 जुलाई तक अभ्यास जारी

सरकार और सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि दिल्ली जैसे बड़े और भीड़भाड़ वाले शहर में आतंकवादी खतरे को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। इसलिए ऐसी ड्रिल्स समय-समय पर कराना ज़रूरी है ताकि किसी भी आपात स्थिति में अफरा-तफरी न हो और सुरक्षा एजेंसियाँ कुशलता से काम कर सकें।

यह मेगा मॉक ड्रिल दिल्ली के 10 अलग-अलग इलाकों में आयोजित की जा रही है और यह अभियान 18 जुलाई 2025 तक चलेगा। 17 जुलाई की सुबह ये मॉक ड्रिल कश्मीरी गेट पर शाम को ‘द क्लेरिजेस’ होटल में और रात करीब 9 बजे हिंदू कॉलेज में की गई।

इस अभ्यास के दौरान आम जनता से भी सहयोग की अपील की गई है कि वे अफवाहों से बचें और अगर कहीं सुरक्षा एजेंसियां अभ्यास कर रही हों तो वहाँ बाधा न बनें। यह ड्रिल दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में एक ज़रूरी कदम है।

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