26 फरवरी 2025 :पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) को उन मेडिकल स्टोर्स और केमिस्ट शॉप्स पर अचानक छापेमारी करने का आदेश दिया है, जो बिना किसी योग्य चिकित्सक के वैध पर्चे के प्रतिबंधित दवाएं बेच रहे हैं।
जस्टिस दीपक सिब्बल और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि CBI और NCB प्रभावी कदम उठाएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी प्रतिबंधित दवा बिना वैध पर्चे के खुदरा विक्रेताओं द्वारा काउंटर पर न बेची जाए। अदालत ने CBI द्वारा पेश की गई अंतरिम रिपोर्ट पर ध्यान दिया, जिसमें खुलासा हुआ कि कुछ खुदरा विक्रेता बिना चिकित्सकीय पर्चे के प्रतिबंधित दवाएं बेच रहे हैं और इस अवैध गतिविधि को छिपाने के लिए नकली पर्चे तैयार कर रहे हैं।
हाईकोर्ट ने CBI और NCB को 4 मार्च तक अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही, अदालत ने 2021 में एकल पीठ द्वारा पारित उस आदेश को वापस लेने से इनकार कर दिया, जिसमें CBI को एक मामले की जांच का निर्देश दिया गया था। मामला पुलिस द्वारा जब्त की गई ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड युक्त गोलियों से जुड़ा था, जिनका उचित हिसाब नहीं दिया गया था। ट्रामाडोल, नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटैंस एक्ट (NDPS एक्ट) के तहत एक मादक पदार्थ है।
राज्य सरकारों को भी गंभीर प्रयास करने के निर्देश
हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में नशे के खतरे को खत्म करने के लिए CBI, NCB और स्थानीय पुलिस को मिलकर काम करने की सलाह दी। अदालत ने इस पर भी ध्यान दिया कि पंजाब सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि NDPS एक्ट के तहत हजारों आपराधिक मामले दर्ज हैं। हजारों किलोग्राम हेरोइन, अफीम और एक मिलियन टन पोस्त की भूसी के साथ 4.38 करोड़ नशीली गोलियां बरामद की जा चुकी हैं।
इसके अलावा, सीमा पार से नशीली दवाओं, ड्रग मनी और हथियारों की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। अब तक एक हजार से अधिक ड्रोन देखे गए हैं, लेकिन उनमें से केवल 431 ही बरामद किए गए हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकारों से इस गंभीर मुद्दे को नियंत्रित करने के लिए सख्त और ठोस कदम उठाने को कहा है।
