मुंबई 23 सितंबर 2025 : राज्य के विभिन्न हिस्सों में 22 से 25 सितंबर के बीच गरज-चमक के साथ जोरदार बारिश का अनुमान राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने जताया है। यह बारिश मुख्यतः दोपहर के समय होगी। कम दबाव के क्षेत्र का प्रभाव 26 सितंबर से अधिक स्पष्ट रूप से महसूस किया जा सकता है। 27 सितंबर को विदर्भ, मराठवाड़ा, कोकण और मध्य महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बारिश का स्तर बढ़ सकता है।
राज्य में सातारा जिले में वर्षा की कमी है। सोलापुर, हिंगोली, धुले, अमरावती, अकोला और गोंदिया जिलों में बारिश औसत से कम रही है। वहीं कुछ जिलों में भारी बारिश ने जनजीवन प्रभावित किया है। जालगांव जिले के पाचोरा में 21 और 22 सितंबर की रात 8:30 बजे तक 24 घंटे में 143 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। जेऊर में 105, माढ़ा में 120 मिलीमीटर बारिश हुई। छत्रपति संभाजीनगर के पैठण में 200 मिलीमीटर और धाराशीव के भूम में 167 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। 24 घंटे में इतनी बारिश के कारण कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति बन गई है।
राज्य में इस अवधि तक औसतन 953.2 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन अब तक औसतन 1000 मिलीमीटर का स्तर पार कर गया है। 1 से 22 सितंबर तक 34 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। पालघर, नासिक, छत्रपति संभाजीनगर, धाराशीव, लातूर, नांदेड, कोल्हापुर, वर्धा और मुंबई उपनगर में 1 जून से अब तक अतिरिक्त बारिश हुई है।
‘भरपाई दिवाली से पहले’
इंदापूर: राज्य में मई महीने में हुई अतिवृष्टि का पंचनामा तैयार हो चुका है। हालांकि, कुछ किसानों को अभी तक भरपाई नहीं मिली है, वहीं राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश के कारण किसानों को बड़ा नुकसान हो रहा है। पंचनामे जारी हैं, लेकिन सरकार दिवाली से पहले किसानों को भरपाई देने का प्रयास कर रही है, ऐसा कृषिमंत्री दत्तात्रय भरणे ने एक कार्यक्रम में बताया।
राज्य के कई हिस्सों में बारिश जारी है। मराठवाड़ा सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां नदियों और नालों में पानी बढ़ गया है। विभिन्न हादसों में चार लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार मध्यरात्रि से हुई अतिवृष्टि का सबसे बड़ा असर धाराशीव जिले पर पड़ा। बीड़ और जालना जिलों में भी भारी बारिश हुई।
छत्रपति संभाजीनगर के आठ गांवों का संपर्क टूट गया है। फंसे हुए नागरिकों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और सेना की टीमें बचाव कार्य कर रही हैं। हेलीकॉप्टर की मदद से भी कई लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
