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हरियाणा का राज्यगीत: डॉ. बालकिशन शर्मा की रचना

चंडीगढ़ 04 मार्च 2025 हरियाणा का राज्यगीत बनकर तैयार हो चुका है। 7 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में इस गीत को मंजूरी मिल जाएगी। हरियाणा के राज्यगीत को पानीपत के डॉ. बालकिशन शर्मा ने लिखा है। इस गीत को डॉ. श्याम शर्मा गाया है। गीत को पारस चोपड़ा कम्पोजर और रोहतक की मालविका पंडित ने डायरेक्ट किया है।

जय जय जय हरियाणा गीत में हरियाणवी संस्कृति के बारे में बताया गया है। 21 लाइनों में कुरुक्षेत्र की धरती, किसानों, खिलाड़ियों, सैनिकों और दूध दही के खाने का जिक्र किया गया है। इस गीत को विधानसभा कमेटी ने फाइनल कर दिया है।


पावन धरती वेदों की, जहां हुआ हरि का आजय जय जय हरियाणा, जय जय जय हरियाणाणा।
जय जय जय हरियाणा…..
गीता ज्ञान धरोहर इसकी, महाभारत इतिहास
मुकुट शिवालिक आधार अरावली, यमुना बहती पास
मौज मनावें, कातक न्हावें, पूरी मन की आस
सरस्वती के अमृत रस का, यहीं सदा है वास
सादा जीवन सादा बाणा, दूध दही का खाणा।
जय जय जय हरियाणा …..
छैल छबीले मर्द निराले, सुन्दर स्याणी नार
होली, दिवाली, ईद, गुरपुरब, मनते तीज त्योहार
भाईचारा जग से न्यारा बढ़े प्यार में प्यार
दिन दूणा अर रात चौगुणा, शिक्षा और व्यापार
बजते डेरू, ढोल, नगाड़े, सांग, रागणी गाणा।
जय जय जय हरियाणा ….
उपजाते हैं फसल सुनहरी, खेतों बीच किसान
खेल खिलाड़ी मैडल लाकर करें देश का मान
सीमाओं पर हरदम चौकस यहां के वीर जवान
छोटा सा प्रदेश, देश की अजब निराली शान
अतिथि देवो भव: यहां सेवा धर्म निभाणा
जय जय जय हरियाणा ….

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