25 अक्टूबर 2024 (अमृतसर): शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने गंभीर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि SGPC चुनाव नियमित प्रक्रिया का हिस्सा हैं और हर साल नए पदाधिकारी चुने जाते हैं। हालांकि, इस बार लड़ाई अकालियों के बीच की ही है, जहां एक गुट एक ओर और दूसरा दूसरी ओर चला गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब तक SGPC के मुद्दों पर कभी सरकार से हस्तक्षेप या मदद की जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन अब सत्ता हासिल करने के लिए विरोधी दल आपस में मिलकर प्रयास कर रहे हैं।
धामी ने आरोप लगाया कि एक सांसद SGPC के सदस्यों को फोन कर पैसों का लालच दे रहा है। उन्होंने उन सदस्यों की प्रशंसा की जिन्होंने रिश्वत के प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा, “ले जाओ अपना पैसा, हमारे पास ईमानदारी की कमाई काफी है।” धामी ने सवाल उठाते हुए कहा कि सरकारें SGPC के काम में दखल क्यों दे रही हैं और विरोधियों को चेतावनी दी कि वे गुरुद्वारा प्रबंधन के मामलों में हस्तक्षेप न करें, क्योंकि यह हमेशा SGPC के अधिकार में ही रहेगा। उन्होंने भरोसा जताया कि खालसा पंथ कभी भी बाहरी ताकतों को हावी नहीं होने देगा।
धामी ने आगे कहा कि पटना साहिब का प्रबंधन भी SGPC के अधीन है, और हजूर साहिब में भी कमेटी के पांच सदस्य शामिल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग बीजेपी के साथ गठजोड़ कर रहे हैं और इसके पर्याप्त सबूत मौजूद हैं, हालांकि उन्होंने गुट का नाम उजागर करने से परहेज किया।
दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी का जिक्र करते हुए धामी ने कहा कि जब पंथ की बात आती है, तो वहां के लोग अनदेखी कर देते हैं। उन्होंने आगामी 28 तारीख को होने वाले SGPC चुनावों के लिए उम्मीदवार घोषित करने पर अकाली दल की नेतृत्व टीम का आभार भी व्यक्त किया।
