फरीदकोट 30 मई 2025 : गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जी. जी. एस. एम. सी. एच.), बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज, फरीदकोट के न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए टेली ESSI मोबाइल हेल्थ ऐप और टेली ESSI हेल्पलाइन की राष्ट्रीय स्तर पर शुरुआत की गई। यह ऐप और हेल्पलाइन विशेष रूप से सरकारी स्कूलों के शिक्षकों, मिर्गी (एपिलेप्सी) से पीड़ित बच्चों और उनके माता-पिता या देखभाल करने वालों के लिए तैयार किए गए हैं।
यह पहल पाँच प्रमुख मेडिकल संस्थानों के सहयोग से चल रहे एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय मल्टीसेंटर प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसका साझा निर्देशन जी. जी. एस. एम. सी. एच. फरीदकोट के न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा किया जा रहा है।
इस उद्देश्यपूर्ण समारोह में 400 से अधिक सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने भाग लिया, जिनके लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों के दौरान एपिलेप्सी के बारे में जागरूकता बढ़ाने, दौरे पहचानने, फर्स्ट एड देने, भ्रांतियों और सामाजिक कलंक को दूर करने तथा एपिलेप्सी से जीवन यापन कर रहे बच्चों के लिए समावेशी माहौल बनाने पर जोर दिया गया।
प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर प्रो. (डा.) सुलीना ने इस प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी देते हुए बताया कि टेली ESSI ऐप और हेल्पलाइन बनाने का विचार क्लीनिकल अभ्यास और समुदाय से प्राप्त फीडबैक से उत्पन्न हुआ, जिसमें स्कूलों में एपिलेप्सी देखभाल की कमी महसूस की गई। उन्होंने कहा, “यह डिजिटल प्लेटफॉर्म शिक्षकों को पहले रिस्पॉन्डर के रूप में सक्षम बनाता है और सरकारी स्कूलों को एपिलेप्सी स्मार्ट बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
इस मौके पर टेली ESSI ऐप के उपयोग की विधि और मुख्य फीचर्स का लाइव डेमो भी दिया गया। ऐप के जरिए शिक्षक, माता-पिता और विद्यार्थी एपिलेप्सी विशेषज्ञों से सीधे संपर्क कर सकते हैं, मार्गदर्शन ले सकते हैं और अपॉइंटमेंट भी बुक कर सकते हैं। इसके साथ ही, 8837771873 नंबर पर सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक चलने वाली टेली हेल्पलाइन भी लॉन्च की गई, जो एपिलेप्सी से संबंधित आपातकालीन हालातों में तुरंत सहायता प्रदान करती है।
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. (डा.) राजीव सूद ने इस पहल की सार्थकता की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह यूनिवर्सिटी की राष्ट्रीय पहचान को और मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि फरीदकोट स्थित न्यूरोलॉजी विभाग ने उत्तरी, पूर्वी और पश्चिमी भारत के क्षेत्रों को एक डिजिटल नेटवर्क के माध्यम से जोड़कर एक मिसाल कायम की है। उन्होंने राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति (NEP) के उच्च शिक्षा संस्थानों में लागू करने की भी आवश्यकता पर जोर दिया।
फरीदकोट के सिविल सर्जन डॉ. चंद्र शेखर ने एपिलेप्सी से जुड़ी गलत धारणाओं, भ्रांतियों और कलंक के बारे में विचार साझा किए जो आज भी कई समाजों में मौजूद हैं।
जिला डिप्टी एजुकेशन ऑफिसर श्री पवन कुमार ने भी समारोह में हिस्सा लिया और शिक्षकों को अपनी अगुवाई और दिशा निर्देश दिए।
समारोह में एपिलेप्सी जागरूकता में योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य भारत भर में एपिलेप्सी के बारे में जागरूकता बढ़ाना, प्रारंभिक दखलअंदाजी सुनिश्चित करना, कलंक को कम करना और एपिलेप्सी से जी रहे बच्चों के लिए समय पर विशेष इलाज की पहुंच सुनिश्चित करना है।
