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अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध रोकने के लिए सरकार का बड़ा कदम, मिलेगी इनकी मदद

चंडीगढ़ 02 मई 2025 :  हरियाणा में अनुसूचित जाति (एससी) के लोगों के साथ उत्पीड़न के मामलों को रोकने के लिए सरकार खाप-पंचायतों का भी सहयोग लेगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का कहना है कि राज्य का सर्वांगीण विकास सामाजिक समरसता से ही संभव हो सकता है। उनका मानना है कि इसमें खाप-पंचायतों की भूमिका सकारात्मक योगदान दे सकती है।

मुख्यमंत्री चंडीगढ़ में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार) अधिनियम-1989 के प्रावधानों के कार्यान्वयन को लेकर राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक में बोल रहे थे। बैठक में विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार, समाज कल्याण मंत्री कृष्ण कुमार बेदी के अलावा प्रदेश में एससी जाति के सांसद और विधायकों के अलावा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री कहा कि अनुसूचित जाति के किसी भी व्यक्ति का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1989 के तहत दर्ज किए गए मामलों में 60 दिन के अंदर कोर्ट में जांच की रिपोर्ट और चार्जशीट दाखिल करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिला व उपमंडल स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी कमेटी की बैठकें नियमित होनी चाहिएं।

उन्होंने अत्याचार से संबंधित मामलों को जिला स्तरीय मासिक कष्ट निवारण कमेटी की बैठक में भी शामिल करने के निर्देश दिए। बैठक में सीएम को बताया कि अत्याचार निवारण स्कीम के तहत 2023-24 व 2024-25 में पिछले वर्षों सहित लंबित मामलों का स्कीमानुसार राहत राशि प्रदान करते हुए निपटान किया जा चुका है। “मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतर्जातीय विवाह शगुन योजना’ के तहत वित्त 2024-25 में पिछले वर्ष के लंबित मामलों के अलावा 2350 विवाहित जोड़ों को 5871 लाख रुपये की अनुदान राशि दी है।

योजना के तहत अनुसूचित जाति के लड़के या लड़की द्वारा गैर-अनुसूचित जाति की लड़की/लड़के से विवाह करने पर 2.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। बैठक मंे अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों को दी जाने वाली कानूनी सहायता स्कीम, पंचायत प्रोत्साहन स्कीम, प्रचार-प्रसार स्कीम तथा डिबेट एवं सेमिनार के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि के बारे में जानकारी दी।

 मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सामाजिक समरसता प्रदेश के कल्याण का प्रमुख आधार है। सभी वर्गों को परस्पर सदभाव से रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों पर अत्याचार किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति इस मामले में दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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