मानसा 21 जून 2025: इस बार मालवा क्षेत्र में बड़े रकबे में नरमे (कपास) की फसल बोई गई है। नरमा किसानों के अनुसार फिलहाल गुलाबी सुंडी और सफेद मक्खी से कोई खतरा नहीं है। इसी कारण अनुमान लगाया जा रहा है कि मालवा बेल्ट में इस बार नरमे (चिट्टा सोना) की बंपर फसल हो सकती है।
हालांकि पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में नरमे पर सफेद मक्खी और गुलाबी सुंडी का हमला होता रहा है, लेकिन इस बार ऐसी किसी संभावना का खतरा नहीं लग रहा। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार के निर्देशों पर कृषि विभाग गांव-गांव जाकर किसानों को नरमे की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहा है और उन्हें निडर होकर बंपर फसल बोने की सलाह दे रहा है। वर्तमान वर्ष में मानसा जिले में 27,621.5 हेक्टेयर क्षेत्र में नरमे की फसल बोई जा चुकी है, जो पिछले साल की तुलना में अधिक है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार इस बार नरमे पर सुंडी के हमले को लेकर पहले से ही सतर्क है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि सुंडी की उत्पत्ति और उसके लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाले खरपतवारों को पूरी तरह नष्ट किया जाए।
सरकार के आदेश पर कृषि विभाग, विभिन्न विभागों और नरेगा कर्मचारियों के सहयोग से सफेद मक्खी को जीवनदायिनी खुराक देने वाले खरपतवारों को बड़ी मात्रा में खत्म कर रहा है। साथ ही भविष्य में इन खरपतवारों को जड़ से नष्ट करने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव भी किया जाएगा। कृषि विभाग का कहना है कि गांव-गांव जाकर सूचना दी जा रही है और किसानों को नरमे की बुआई के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। हालांकि किसानों के मन में पिछले वर्षों के अनुभवों के चलते गुलाबी सुंडी और सफेद मक्खी के हमले का डर अब भी बना हुआ है, लेकिन कृषि विभाग उन्हें न सिर्फ सुंडी की रोकथाम के ठोस प्रबंध दे रहा है, बल्कि फसल की देखरेख के लिए पूरा सहयोग और जागरूकता भी प्रदान कर रहा है।
मालवा बेल्ट में इस बार नहीं होगा सुंडी का हमला : कृषि विभाग
विभाग का मानना है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार और विभाग की लगातार कोशिशों के चलते इस बार मालवा क्षेत्र में सुंडी का हमला नहीं होगा, क्योंकि सुंडी के पैदा होने की संभावनाएं और उसे मिलने वाला भोजन (खरपतवार) पहले ही जड़ से खत्म कर दिया गया है। विभाग का कहना है कि इस पर अभी भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी। जब तक खेतों में सफेद सोना (कपास) पूरी तरह से नहीं खिल जाता, तब तक किसानों की फसल की सुरक्षा की जिम्मेदारी विभाग निभाएगा और किसी भी तरह का सुंडी हमला नहीं होने दिया जाएगा।
