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IT से लेकर Textile तक: मंदी का बड़ा संकट

जालंधर 21 सितंबर 2025 अमरीका और उसके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियां विश्व के सभी देशों में अनिश्चितता और मंदी के हालात पैदा करने में लगे हुए हैं जिसके दुष्परिणाम आम जनता को भुगतने पड़ेंगे। रबड़ इंडस्ट्री से जुड़े युवा उद्यमी विवेक गुप्ता ने कहा कि मंदी का दर्द सभी लोगों को आने वाले 2-3 वर्षों तक झेलना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प की नीति अमरीका फर्स्ट के कारण वह अन्य देशों पर दबाव डालने वाली टैरिफ नीतियों को लागू करने में लगे हुए हैं जिसके दुष्परिणाम जल्द ही सामने आने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि न केवल रबड़ इंडस्ट्री पर दुष्प्रभाव पड़ेगा बल्कि भारतीय आई.टी., टैक्सटाइल, हैंडटूल्स तथा अन्य उद्योगों पर भी विपरीत असर पड़ने की संभावना दिखाई दे रही है।

रबड़ व चप्पल उद्योग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मांग में बढ़ौतरी न होने के कारण परिस्थितियां जटिल बनी हुई हैं। अमरीका टैरिफ नीतियों के कारण अगर भारत में बेरोजगारी बढ़ती है तो इससे आम जनता की खरीद शक्ति कम होगी जिससे रबड़ चप्पल की मांग पर भी विपरीत असर पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को जहां एक तरफ अमरीका के साथ बातचीत करके टैरिफ समस्या का हल निकालना है वहीं पर दूसरी ओर उसे उद्योगों के लिए राहत पैकेज भी घोषित करना है। इस राहत पैकेज का ऐलान करने में देरी नहीं होनी चाहिए क्योंकि उद्योगों के ऊपर पहले ही काफी विपरीत असर पड़ा हुआ है।

विवेक गुप्ता ने कहा कि रबड़ चप्पल व रबड़ इंडस्ट्री में भारी गिनती में श्रमिकों को रोजगार मिला हुआ है और इस इंडस्ट्री के हितों की रक्षा भी केंद्र सरकार को करनी है। उन्होंने कहा कि भारत को अमरीका के अलावा यूरोप तथा अफ्रीकी देशों में रबड़ उत्पादों का निर्यात बढ़ाने की तरफ ध्यान देना होगा, इससे रबड़ इंडस्ट्री को टैरिफ की मार से बचाने में मदद मिलेगी।

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