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नकली सेक्स पावर दवा रैकेट का भंडाफोड़, फर्जी कॉल सेंटर से ठग रहे थे हजारों लोग

05 अक्टूबर 2025: राजकोट पुलिस ने एक बड़े ऑनलाइन फर्जी दवा रैकेट का पर्दाफाश किया है, जो “से’क्स पावर बढ़ाने” के नाम पर लोगों को ठग रहा था। यह गिरोह देशभर में फैले ऑनलाइन नेटवर्क के जरिए नकली दवाएं बेचकर लाखों रुपये की ठगी कर चुका था। साइबर क्राइम यूनिट की सतर्क कार्रवाई में 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मौके से 8 लैपटॉप, 17 मोबाइल फोन, और भारी मात्रा में नकदी व दवाएं जब्त की हैं।

कैसे चलता था ठगी का नेटवर्क

पुलिस को सूचना मिली थी कि राजकोट में एक कॉल सेंटर के जरिए लोगों से संपर्क किया जा रहा है। आरोपी खुद को डॉक्टर या मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव बताकर पीड़ितों को झूठे दावे करते थे कि उनकी दवाएं 100% हर्बल”और साइड इफेक्ट फ्री हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, यूट्यूब विज्ञापनों और व्हाट्सऐप के जरिए यह गिरोह ऐसे लोगों को निशाना बनाता था जो गोपनीय रूप से यौन समस्याओं का इलाज ढूंढ रहे थे। एक बार संपर्क में आने के बाद, कॉल सेंटर कर्मचारी उन्हें से’क्स पावर कैप्सूल या एनर्जी बूस्टर नामक उत्पाद खरीदने के लिए मनाते थे।

इन दवाओं की वास्तविक लागत मात्र 100–120 रुपये थी, लेकिन इन्हें ग्राहकों को 1,200–1,500 रुपये में बेचा जाता था। सिर्फ दो महीनों में गिरोह ने 4,000 से ज्यादा लोगों से संपर्क किया और सैकड़ों को शिकार बनाया।

अहमदाबाद से होती थी सप्लाई

जांच में खुलासा हुआ कि नकली दवाओं का निर्माण अहमदाबाद में स्थित एक अवैध यूनिट में हो रहा था। वहां से किशन नामक व्यक्ति पैकिंग और डिलीवरी की जिम्मेदारी संभालता था। नकली दवाओं को कूरियर सेवाओं के जरिए देशभर में भेजा जा रहा था। पुलिस ने अहमदाबाद यूनिट से भी सैंपल जब्त किए हैं और ड्रग्स कंट्रोल विभाग को जांच के लिए भेजे हैं। प्राथमिक रिपोर्ट में पाया गया है कि दवाओं में हानिकारक रसायन मौजूद हैं जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच

राजकोट के पुलिस अधीक्षक विजयसिंह गुर्जर ने बताया कि यह ऑपरेशन साइबर क्राइम यूनिट की विशेष टीम द्वारा चलाया गया। टीम पिछले कई हफ्तों से ऑनलाइन कॉल सेंटर की लोकेशन और ट्रांजेक्शन ट्रैक कर रही थी। गुर्जर ने कहा, “हमने एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है जो लोगों की निजता और भरोसे का गलत फायदा उठा रहा था। अन्य शहरों में इनके नेटवर्क की जांच जारी है।” मामले में धोखाधड़ी, साइबर अपराध और ड्रग्स नियंत्रण अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस को शक है कि यह गिरोह देशभर में फैले अन्य नेटवर्क से भी जुड़ा हुआ है।

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