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फडणवीस की वजह से निर्विरोध जीत, अब MLC पद से इस्तीफा देकर BJP में शामिल हुईं; कौन हैं प्रज्ञा सातव?

मुंबई/हिंगोली 18 दिसंबर 2025 : राहुल गांधी के करीबी रहे दिवंगत नेता राजीव सातव की पत्नी और कांग्रेस नेता प्रज्ञा सातव ने महाराष्ट्र विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के कुछ ही घंटों बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। इससे मराठवाड़ा में भाजपा को मजबूती मिली है। आगामी नगर निगम चुनावों से पहले यह घटनाक्रम महाराष्ट्र कांग्रेस के लिए, खासकर हिंगोली में, बड़ा झटका माना जा रहा है। साथ ही राहुल गांधी के भरोसेमंद नेताओं के परिवार से जुड़ी शख्सियत के कांग्रेस छोड़ने से सियासी हलचल तेज हो गई है।

कौन हैं प्रज्ञा सातव?

प्रज्ञा सातव कांग्रेस के टिकट पर महाराष्ट्र विधान परिषद की सदस्य थीं। अगस्त 2021 से वे महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष भी रहीं। नवंबर 2021 में वे विधान परिषद के लिए निर्विरोध चुनी गई थीं और उस समय कांग्रेस की ओर से परिषद में एकमात्र महिला सदस्य थीं। वे हिंगोली लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद रहे राजीव सातव की पत्नी हैं। सातव परिवार के गांधी परिवार से करीबी संबंध रहे हैं।

16 मई 2021 को 46 वर्ष की आयु में कोविड-19 संक्रमण से जुड़ी जटिलताओं के कारण राजीव सातव का निधन हो गया था। शरद रणपिसे के निधन के बाद 23 सितंबर 2021 को विधान परिषद की एक सीट रिक्त हुई थी। राजीव सातव के निधन के बाद उनके परिवार को संसदीय राजनीति में प्रतिनिधित्व देने के उद्देश्य से कांग्रेस ने प्रज्ञा सातव को उम्मीदवार बनाया। भाजपा की ओर से संजय केणेकर उम्मीदवार थे, लेकिन चुनाव से पहले उन्होंने नाम वापस ले लिया, जिससे प्रज्ञा सातव निर्विरोध निर्वाचित हो गईं। बताया जाता है कि राजनीतिक शिष्टाचार के तहत देवेंद्र फडणवीस के कहने पर संजय केणेकर ने नाम वापस लिया था।

इसके बाद 2024 में प्रज्ञा सातव का पुनर्निर्वाचन भी हुआ। ऐसे में पांच साल का कार्यकाल शेष रहते हुए उनके इस्तीफे ने सभी को चौंका दिया। 18 दिसंबर को उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता के साथ-साथ कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मुंबई में प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

भाजपा में शामिल होते समय प्रज्ञा सातव ने कहा, “मैं और मेरे सभी साथी ‘सबका साथ, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ की नीति के तहत पूरी निष्ठा से काम करेंगे। आगे भी मार्गदर्शन मिलता रहे।”

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