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1.07 लाख का बिजली बिल: उपभोक्ता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, मिला दिलचस्प फैसला

19 अक्टूबर 2024 : माननीय चीफ ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट डॉ. सुशील बोध (सीनियर डिवीजन सिविल कोर्ट) की अदालत ने व्यापारिक बिजली कनैक्शन के मामले में पंजाब राज्य पावरकॉम कॉर्पोरेशन लि. की शिकायत निवारण कमेटी के फैसले को रद्द करते हुए बिजली उपभोक्ताओं के पक्ष में एक दिलचस्प फैसला सुनाया गया है। अदालत ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद अपने फैसले में न केवल पी.एस.पी.सी.एल. की एम.ई. लैब रिपोर्ट को खारिज कर दिया जबकि शिकायत निवारण कमेटी के फैसले को रद्द कर दिया।

जानकारी के मुताबिक कलां बाजार स्थित ज्वैलरी शोरूम के मालिक उपभोक्ता दिनेश आनंद ने 11 मार्च 2018 को अपने वकील चंदनदीप सिंह के माध्यम से यह याचिका दर्ज करवाई थी, जिसमें कहा गया है कि एक नोटिस उपभोक्ता को जारी कर दिया गया है। बिजली विभाग द्वारा दिनांक 21.2.2017 को 2.6.2017 से 2017 के मध्य 98 दिनों में 12,705 यूनिट की खप्त 1,07,430 रुपए थी। इस से पहले मार्च-अप्रैल 2017 में उसने महसूस किया कि बिजली के सभी उपकरण बंद होने के बावजूद भी मीटर चल रहा है। इसके बाद उन्होंने विभाग में 450 रुपए की फीस जमा की और 2.5.2017 को मीटर को चुनौती दी। 2.6.2017 को विभाग ने मीटर जांच के लिए एम.ई. लैब मे भेजा और विभाग द्वारा नया मीटर लगाया गया। 22.11.2017 को विभाग ने उन्हें सूचित किया कि लैब में लाए गए मीटर की जांच करने पर मीटर ठीक पाया गया और 1,07,430 रुपए जमा करने की मांग की गई।

इसके बाद उपभोक्ता दिनेश आनंद ने विभाग की इस मांग को पी.एस.पी.सी.एल. की शिकायत निवारण कमेटी के समक्ष चुनौती दी । अब 30 जनवरी 2018 को कमेटी ने उपभोक्ता की चुनौती को खारिज कर दिया और विभाग को सही ठहराया। कमेटी के फैसले से असहमत होकर उपभोक्ता ने 11.3.2018 को अपने वकील चंदनदीप सिंह के माध्यम से विभाग के खिलाफ मामला दायर किया। इसके बाद माननीय न्यायालय ने आज उपभोक्ता के पक्ष में यह फैसला सुनाते हुए विभाग की सभी दलीलों को खारिज कर दिया है।

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