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ई-चालान से वाहन चालकों की मुश्किलें बढ़ीं, बन गया सिरदर्द

जालंधर 26 सितंबर 2025 : ई-चालान लोगों के लिए बड़ी दिक्कत बनता जा रहा है। वाहन चालकों को ई-चालान कटने के बाद आरटीओ और ट्रैफिक थानों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इस दौरान को वाहन चालकों को भुगतान के साथ काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब ट्रैफिक पुलिस विभाग ने पर्यावरण संरक्षण और चालान भुगतान की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ई-चालान व्यवस्था शुरू की थी। इसका उद्देश्य लोगों को घर बैठे चालान भुगतान की सुविधा देना था। लेकिन हकीकत में यह सुविधा लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।

लोगों का कहना है कि सामान्य चालान कटने के बाद उन्हें ‘रूट नंबर’ लगवाना पड़ता था। अब ई-चालान कटने के बाद भी वही प्रक्रिया अपनानी पड़ रही है। इससे न सिर्फ समय बर्बाद हो रहा है, बल्कि चालान का ऑनलाइन भुगतान भी अटक रहा है। आज भी लोगों को चालान के जुर्माने का भुगतान करने के लिए  आरटीए ऑफिस में ही जाना पड़ रहा है। यही नहीं इस दौरान वाहन चालकों को कागजात भी वहीं से लेने पड़ रहे हैं। अब लोगों के लिए नई समस्या ये खड़ी हुई है कि, उन्हें ई चालान के भुगतान के लिए ऑनलाइन सुविधा सही ढंग से नहीं मिल रही है।

ऐसे ही 3 मामले सामने आए हैं जिनमें वाहन चालकों का कहना है कि, उन्हों चालान भुगतान के लिए आरटीओ दफ्तर के अधिकारियों से मिल रहे हैं लेकिन उनका कोई हल नहीं निकल रहा है। पहला मामला- स्वर्ण पार्क निवासी राजेश ने बताया कि वो 2 सप्ताह से ई दिनों से वह ई-चालान का भुगतान करने के लिए ट्रैफिक थाने और आरटीए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। इस दौरान जब रूट नंबर ट्रैफिक थाने में लगाया तो ऑनलाइन चालान भुगतान के लिए साइट खोलने पर चालान का पता नहीं चल रहा है। यानी कि चालान की रसीद पर ‘रूट नंबर’ न लगने से ऑनलाइन भुगतान संभव नहीं हो पा रहा। वाहन चालक राजेश ने बताया कि, अब उसने फिर से ट्रैफिक थाने के उच्चाधिकारियों को शिकायत दर्ज करवाई है। 

दूसरा मामला- वहीं दूसरे मामले में संजय गांधी नगर निवासी रोहित मदान का कहना है कि उनकी कार चालान हुआ है। उनका ई-चालान भी ऑनलाइन चेक करने पर नहीं मिल रहा है। इस संबंधी ट्रैफिक विभाग के उच्चाधिकारियों को शिकायत भेजी गई है कि इस सिस्टम में सुधार किया जाए।
तीसरी मामला-  तीसरे मामले में विजय कुमार नामक व्यक्ति कहना है कि,  उनके मोटरसाइकिल का हाई सिक्योरिटी  का ई-चालान काटा गया। ये चालान उनकी बीएमसी चौक में कटा था। ऑनलाइन ये चालान शो नहीं कर रहा है, जिस कारण उन्हें आरटीए दफ्तर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जहां पर पहुंचने पर उन्हें पता चला कि उनका चालान ऑनलाइन चढ़ाया ही नहीं गया है। जिसके बाद वह फिर बीएमसी चौक में गए, जिस पुलिस मुलाजिम ने उनका चालान काटा था उससे बात की गई। इस दौरान उसे कहा गया कि ट्रैफिक थाने में जाकर इसका रूट नंबर लगवाना पड़ेगा। इस दौरान परेशान विजय कुमार ने कहा कि नॉर्मल चालान कटने के दौरान भी इतने चक्कर नहीं लगाने पड़ते था जितने अब ई-चालान के दौरान लगाने पड़ रहे हैं।

परेशान वाहन चालकों का कहना है कि,  अगर चालान ऑनलाइन कटता है तो फिर भुगतान की प्रक्रिया भी पूरी तरह ऑनलाइन होनी चाहिए। विभाग को चाहिए कि वह सिस्टम को अपग्रेड कर आम लोगों की समस्याओं का समाधान करे। लोगों का कहना है कि नार्मल चालान के दौरान भी रूट नंबर लगवाते थे अब ई-चालान में भी ऐसा करना पड़ रहा है। उन्हें ई-चालान से सुविधा कम और परेशानियों का सामना ज्यादा करना पड़ रहा है।

यातायात पुलिस का कहना है कि ई-चालान प्रणाली में अभी तकनीकी दिक्कतें हैं, जिनके समाधान के लिए विभाग लगातार काम कर रहा है। अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी जिससे लोगों को बार-बार ट्रैफिक थानों के चक्कर न लगाने पड़ें।

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