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नशे की लत में डूबे युवक, पुलिस को दे रहे सरेआम चुनौती

जालंधर 17 फरवरी 2025 पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा के नेतृत्व में कल कई जगहों पर नशे के खिलाफ जागरूकता रैली निकाली गई। इस रैली का उद्देश्य समाज में नशे के प्रति जागरुकता फैलाना और युवाओं को इसके खतरों से अवगत कराना था। हालांकि, इस प्रयास के बावजूद नशे की लत युवाओं के बीच एक गंभीर समस्या बन गई है। नशा तस्करों का प्रभाव अब भी युवाओं में गहरे तक व्याप्त है और यह समस्या केवल पुलिस की रैलियों और अभियानों से दूर होने वाली नहीं है।

रैली के दौरान पुलिस प्रशासन ने कई इलाकों में नशे के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कार्य किए। लेकिन इसी बीच भगत सिंह चौक पार्किंग के पास कुछ युवकों को नशे के टीके लगाते हुए देखा गया। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि नशे का प्रकोप अब भी युवाओं में फैल रहा है और वे इसे अपनी जवानी को बर्बाद करने के रूप में अपना रहे हैं। इन युवकों का यह कृत्य पुलिस और समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।

यहां पर अक्सर, खासकर जब मार्केट बंद होती है, ऐसे युवा झुंड बनाकर नशे का सेवन करते हुए दिखाई देते हैं। यह दृश्य न केवल उन युवकों के लिए खतरनाक है, बल्कि आसपास के राहगीरों और नागरिकों के लिए भी परेशानी का कारण बनता है। कई बार इन युवकों के झुंडों के कारण लोग आराम से अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाते और उन्हें मानसिक दबाव का सामना करना पड़ता है।

इससे यह भी स्पष्ट होता है कि नशा तस्कर अभी भी डिवीजन नंबर 3 के एरिया में सक्रिय हैं। पुलिस प्रशासन और समाज को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालने की आवश्यकता है। अगर हम केवल जागरूकता रैलियों तक सीमित रहेंगे, तो नशे की यह लत यूं ही फैलती रहेगी। नशा तस्करी की बढ़ती समस्या ने समाज के समक्ष कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या पुलिस प्रशासन की कार्रवाई केवल दिखावे तक ही सीमित है? क्या नशे के कारोबार से जुड़े लोग पुलिस के लिए इतनी बड़ी चुनौती बन चुके हैं कि उन पर काबू पाना मुश्किल हो गया है? अगर युवा पीढ़ी इस लत में फंसी रहेगी, तो भविष्य में यह देश की सबसे बड़ी समस्या बन सकती है।

अब समय आ गया है कि केवल जागरूकता से ज्यादा ठोस कदम उठाए जाएं। पुलिस को अपनी कार्रवाई को और तेज करने की आवश्यकता है और साथ ही समाज के सभी हिस्सों को इस मुहिम में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करना होगा। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम नशे के खिलाफ आवाज उठाएं और अपने बच्चों और युवा पीढ़ी को इस खतरनाक लत से बचाएं।

युवाओं को नशे के खतरों के बारे में बताते हुए उन्हें एक बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित करना होगा। यही नहीं, नशा तस्करी को रोकने के लिए कानून को सख्त बनाने की भी जरूरत है, ताकि समाज में एक स्वस्थ वातावरण बन सके। डिवीजन नम्बर 3 के एस.एच.ओ. अशोक कुमार का कहना है कि आगे भी जहां पर पुलिस की तरफ से कार्रवाई की गई थी और अगर ऐसी कोई भी गतिविधि निकलती है तो इन पर कार्रवाई की जाएगी।

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