09 जुलाई 2025 : इस विशेष अवसर पर बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के माननीय वाइस चांसलर, प्रो. (डॉ.) राजीव सूद जी ने अपनी विशेष उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। वे एक दूरदर्शी नेता, प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट हैं और भारत सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान ‘डॉ. बी.सी. रॉय अवार्ड’ से सम्मानित हो चुके हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत ज्ञान, उपचार और समर्पित सेवा की शाश्वत लौ के प्रतीक दीप प्रज्वलन से हुई। वाइस चांसलर डॉ. सूद ने अपने मुख्य भाषण में डॉक्टर्स डे के महत्व पर प्रकाश डाला और डॉ. बिधान चंद्र रॉय के जीवन और विरासत को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनकी स्मृति में यह दिवस मनाया जाता है।
डॉ. सूद ने कहा, “यह मेरे लिए अत्यंत गर्व की बात है कि भारत सरकार ने मुझे डॉ. बी.सी. रॉय पुरस्कार से सम्मानित किया, जिसका नाम भारतीय चिकित्सा इतिहास की एक महान हस्ती के नाम पर रखा गया है। डॉक्टर्स डे हमें केवल उपचारकर्ता के रूप में हमारी ज़िम्मेदारियों की याद नहीं दिलाता, बल्कि करुणा, समर्पण और ईमानदारी से सेवा करने के हमारे पवित्र कर्तव्यों की भी स्मृति कराता है। आइए हम इन शाश्वत मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं।”
इसके बाद एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें समर्पित फैकल्टी सदस्यों को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया गया और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की उनकी शानदार अकादमिक और सह-पाठ्यक्रम उपलब्धियों के लिए सराहना की गई। डॉ. सूद के प्रेरणादायक शब्दों ने दर्शकों के बीच डॉक्टरों को उम्मीद और उपचार के सच्चे मशालवाहक के रूप में उजागर किया।
कार्यक्रम में फैकल्टी ऑफ अलाइड मेडिकल साइंसेज़ (FAMS) के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी दी गईं, जिनमें संगीत, नृत्य और कला के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया गया। इन प्रस्तुतियों ने डॉक्टरों के भीतर मौजूद उपचार की भावना को खूबसूरती से दर्शाया।
इस भव्य आयोजन की सफलता का श्रेय प्रिंसिपल डॉ. संजय गुप्ता की दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता को जाता है, जिनके अथक प्रयासों, सुव्यवस्थित योजना और अटूट समर्पण ने इस आयोजन को गरिमा और प्रेरणा प्रदान की। उनका नेतृत्व संस्था की उत्कृष्टता और नैतिक मूल्यों को बनाए रखने में एक मार्गदर्शक शक्ति बना हुआ है।
वाइस चांसलर डॉ. राजीव सूद और उनकी सम्मानित टीम का उनके सहयोग और उपस्थिति के लिए दिल से धन्यवाद किया गया। छात्र परिषद (FAMS), फैकल्टी सदस्यों, सहायक स्टाफ और पर्दे के पीछे योगदान देने वाले सभी का भी विशेष आभार व्यक्त किया गया, जिनके सामूहिक प्रयासों से यह आयोजन एक यादगार सफलता बन सका।
