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पितृदोष शांति के लिए करें हनुमान साधना, 11 दिन में मिलेगा लाभ

28 अप्रैल 2025 : जन्मकुंडली में अनेकों दोष पाये जाते हैं. पितृ दोष इनमे एक बहुत ही खतरनाक दोष है. कुंडली में पितृदोष की उपस्थिति से घर में कलह, क्लेश के अलावा कर्ज, व्यावसायिक हानि के साथ पति पत्नि के रिश्ते में खटास के साथ संतान उत्पत्ति में समस्या और घर में किसी न किसी का मानसिक रूप से विच्छिप्त होना पितृ दोष के उदाहरण हैं. यह आवश्यक नहीं है कि यह हर समय या सभी सक्रिय हों. समय, परिस्थिति के आधार पर जीवन में ये समस्याएं लगी रहती हैं. हमारे धर्म शास्त्रों में इसकी शांति के अनेकों उपाय बताये गये हैं. आइये इसके शांति के लिये जानते हैं इसके आसान उपाय.

पितृदोष पीड़ानिवारक प्रयोग : किसी भी मंगलवार की रात्रि में अपने आप को शुद्ध पवित्र करके लाल वस्त्र धारण कर किसी आसन पर बैठ जाए. अपने सम्मुख लाल वस्त्र किसी लकड़ी के पटले पर बिछाकर उस पर पारद हनुमान की मूर्ति स्थापित करें. सर्वप्रथम उस प्रतिमा को स्नान कराने के बाद सिंदूर से तिलक लगाकर, गुड का भोग लगाएं. इसके पश्चात इस मंत्र का प्रतिदिन 2100 की संख्या में जाप प्रारंभ करें.

11 दिन लगातार करें यह प्रयोग : यह सिद्ध प्रयोग 11 दिन तक निरंतर चलता रहेगा. इस उपाय की पूर्ण हो जाने पर 12वें दिन किसी बालक को भोजन कराकर लाल वस्त्र एवं दक्षिण प्रदान करें. इससे यह प्रयोग सिद्ध हो जाएगा एवं पितृदोष की पीड़ा से मुक्ति मिल जाएगी.

मंत्र : ॐ घंटाकर्णो महावीर सर्व उपद्रव-नाशनं कुरु कुरु स्वाहा

साधना से लाभ : इस साधना को पितृदोष पीड़ानिवारक हनुमान साधना कहते हैं. यह प्रयोग बहुत ही सफल और सिद्ध माना जाता है. इससे घर में क्लेश समाप्त होती है एवं सुख समृद्धि का वास होता है. पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है. इसके अलावा यदि घर में उपद्रव, असंतोष, भूत प्रेत का प्रकोप या कोई ऊपरी बाधा हो, उससे भी मुक्ति मिल जाती है.

पूजन के बाद सामग्री का क्या करें : यह प्रयोग पूरा हो जाने पर हनुमान जी की मूर्ति एवं पूजन की सभी समग्री को वहां से हटा दें. मूर्ति को पूजा घर अथवा कहीं भी सुरक्षित या पवित्र स्थान पर रख दें. पूजा में प्रयुक्त सामग्री को आप बंदर, गाय में से किसी को खिला दें.

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