जालंधर: जिले की पुलिस के एक अधिकारी ने खुद की नौकरी बचाने के लिए पूर्व इंस्पैक्टर नवदीप सिंह पर गाज गिरा दी। हालांकि जब ट्रांसफर होकर आए नए सीपी स्वप्न शर्मा से उच्चाधिकारियों ने इस मामले में रिपोर्ट तैयार करने को कहा तो सारी सच्चाई सामने आ गई, जिसके बाद रिपोर्ट तैयार करके दाखिल दफ्तर कर दी गई थी। दरअसल नवदीप सिंह जालंधर कमिश्नरेट पुलिस के थाना 1 में 28 जून 2023 को तैनात हुए थे। थाने के सी.सी.टी.वी. कैमरे 24 जुलाई को खराब हो गए थे, जिसकी सारी रिपोर्ट बनाकर 28 जुलाई 2023 को ए.डी.सी.पी. हैड क्वार्टर को भेज दी गई थी लेकिन वहां से कैमरे ठीक करवाने को लेकर कोई जवाब नहीं आया।
बाद में 16 अगस्त 2023 को जब मानवजीत ढिल्लों का थाने में विवाद हुआ और अगले दिन दोनों भाइयों द्वारा ब्यास दरिया में छलांग लगा दी गई तो हर कोई अपनी नौकरी बचाने के चक्कर में फंस गया। छलांग लगाने के 17वें दिन जाकर दरिया से शव बरामद हुआ जो जश्नबीर का बताया गया। मृतक के परिवार वाले इस बात पर अड़ गए कि पहले नवदीप सिंह को गिरफ्तार या डिसमिस किया जाए। तभी वे अंतिम संस्कार करेंगे जिसके बाद आनन-फानन में जालंधर कमिश्नरेट पुलिस नवदीप सिंह के खिलाफ सबूत जुटाने लगी।
एक कारण नवदीप सिंह के खिलाफ हुई एफ.आई.आर., जबकि दूसरा कारण थाने के खराब पड़े सी.सी.टी.वी. कैमरे बताए गए। सी.सी.टी.वी. को लेकर तब के ए.सी.पी. नॉर्थ की एंट्री हुई। वहीं शव मिलने पर 3 सितंबर 2023 को नवदीप सिंह व अन्य मुलाजिमों पर एफ.आई.आर. कर दी गई थी। तब नवदीप सिंह छुट्टी पर थे जिन्होंने 5 सितंबर को अपनी ड्यूटी संभालनी थी लेकिन छुट्टियों का फायदा उठाते हुए तब के ए.सी.पी. नार्थ ने थाने में आकर काम शुरू कर दिया। उनकी तरफ से जो रिपोर्ट तैयार की गई उसमें इस बात का जिक्र ही नहीं है कि थाना 1 में से खराब सी.सी.टी.वी. कैमरों की लेकर 28 जुलाई की मेल आई हुई है।
पूर्व ए.सी.पी. नॉर्थ ने नवदीप सिंह के खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर दी और सही बात सामने ही नहीं रखी। उधर डिसमिस करने के लिए 2018 में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिर्जर (एसओपी) के आदेशों का हवाला दिया गया कि थाने के खराब सी.सी.टी.वी. कैमरे सरकारी खजाने से नहीं, बल्कि एस.एच.ओ. अपने स्तर पर करवाएगा।
