मुंबई 09 सितंबर 2025 : राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक रोहित पवार सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर आमने-सामने दिखाई दिए। मामला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ‘देवाभाऊ’ विज्ञापन कैंपेन से जुड़ा था, जिस पर पवार ने महायुती सरकार पर निशाना साधा। इसके जवाब में बावनकुळे ने पवार को सीधे राजनीतिक संन्यास लेने की चुनौती दी।
रोहित पवार ने बावनकुळे को जवाब देते हुए कहा कि हमें बड़ी या छोटी विज्ञापन राशि से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन ये विज्ञापन गुप्त रूप से क्यों छापे गए, इस पर आपत्ति है। उन्होंने कहा कि गुप्त विज्ञापन का मतलब उपकार की वापसी होता है। यदि यह विज्ञापन सरकार ने दिए हैं, जबकि योजनाओं के लिए पैसे नहीं हैं और बिल बकाया होने के कारण ठेकेदार आत्महत्या कर रहे हैं, तो यह जनता के पैसों की बर्बादी नहीं है?
रोहित पवार के सवाल:
- आपने राजस्व मंत्री के रूप में जिस कंपनी का 90 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना माफ किया था, क्या उसी कंपनी ने विज्ञापन दिया?
- विधायक बबनराव लोणीकर के 11 जुलाई 2025 के प्रश्न का जवाब देते समय आपने केवल जुर्माना माफ नहीं किया, बल्कि जब्त सामग्री वापस करने के आदेश भी दिए थे, क्या वह भूल गए?
- जब गांव के लोग सड़क निर्माण या मरूूम निकालने जैसी गतिविधियां करते हैं तो उन पर कार्रवाई होती है, लेकिन धनाढ्य लोगों के अवैध उत्खनन के मामले में करोड़ों का जुर्माना माफ कर दिया जाता है, क्या यही आपका सामान्य जनता के लिए सरकार चलाने का तरीका है?
बावनकुळे का जवाब:
- 90 करोड़ रुपये का जुर्माना माफ करने का आरोप साबित करें, अन्यथा राजनीतिक संन्यास लें।
- पहले जो पवार जुर्माने के माफ होने की बात कह रहे थे, अब कहते हैं कि यह विधायिका में उठाया गया सवाल था।
- माजी राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील ने उस मामले को केवल स्थगित किया था, कोई जुर्माना माफ नहीं किया गया। इसलिए मैंने कहा कि पवार को राजकीय संन्यास लेना चाहिए।
- पवार केवल प्रसिद्धि पाने के लिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। 11 जुलाई का सवाल पिछले समय के उत्खनन मामले से संबंधित था, और उस समय किसी जुर्माने की माफी नहीं हुई थी, न तब और न अब।
