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घने कोहरे में बढ़ता खतरा, सतर्कता ही सुरक्षा: इन सावधानियों पर दें ध्यान

जालंधर 21 दिसंबर 2025 : सर्दियों के मौसम में घने कोहरे की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। उत्तर भारत के कई राज्यों में सुबह और देर रात दृश्यता 10 से 50 मीटर तक सिमट जाती है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं, ट्रेन देरी और उड़ानों के रद्द होने की आशंका बनी रहती है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार ठंडी हवाओं की कमी और नमी बढ़ने से आने वाले दिनों में कोहरे (धुंध) का असर और गहरा सकता है। ऐसे में आम नागरिकों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

सड़क सुरक्षा : छोटी लापरवाही, बड़ा हादसा

कोहरे के दौरान वाहन चलाते समय तेज गति सबसे बड़ा खतरा बन जाती है। यातायात विशेषज्ञों की सलाह है कि वाहन की स्पीड सीमित रखें, लो-बीम हैडलाइट और फॉग लाइट का प्रयोग करें। हाई बीम लाइट से बचें, क्योंकि इससे सामने से आने वाले वाहन चालक को देखने में परेशानी होती है। आगे चल रहे वाहन से पर्याप्त दूरी बनाए रखें और लेन बदलने से पहले संकेत अवश्य दें। राष्ट्रीय राजमार्गों और पुलों पर अतिरिक्त सतर्कता जरूरी है, क्योंकि यहां कोहरा अधिक घना होता है।

दोपहिया व पैदल यात्रियों के लिए दिशा-निर्देश 

दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट के साथ रिफ्लैक्टिव जैकेट पहनने की सलाह दी गई है, ताकि वे दूर से दिखाई दें। पैदल चलने वाले लोगों को सड़कों के किनारे चलना चाहिए और गहरे रंग के कपड़ों से बचना चाहिए। बच्चों को सुबह बहुत जल्दी स्कूल भेजने से बचे और यदि संभव हो तो स्कूल समय में बदलाव पर भी विचार करने की सलाह दी गई है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव: विशेष वर्ग रहें सावधान

डॉक्टरों के अनुसार घना कोहरा सांस की बीमारियों, हृदय रोग और एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। बुजुर्गों और बच्चों को सुबह की सैर टालने की सलाह दी गई है। घर से बाहर निकलते समय नाक और मुंह को ढककर रखें, गुनगुने पानी और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। लंबे समय तक खांसी, सांस फूलने या सीने में दर्द की स्थिति में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

रेल और हवाई सेवाओं पर असर

कोहरे के कारण कई ट्रेनों के समय में देरी हो रही है और कुछ उड़ानें रद्द या डायवर्ट की जा रही हैं। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले रेलवे पूछताछ, एयरलाइंस वेबसाइट या मोबाइल एप से ताजा जानकारी प्राप्त करें। स्टेशन और एयरपोर्ट पर अतिरिक्त समय लेकर पहुंचना बेहतर है ।

जागरूकता से ही बचाव संभव 

विशेषज्ञों का कहना है कि कोहरे के दिनों में धैर्य और सतर्कता सबसे बड़ा बचाव है। अनावश्यक यात्रा से बचें, मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान दें और सुरक्षा नियमों का पालन करें। थोड़ी सी सावधानी से बड़े हादसों को रोका जा सकता है और जन-धन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

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