20 अक्टूबर 2025 : दिवाली की रौनक जहां देशभर में चकाचौंध बढ़ा रही है, वहीं दिल्ली-एनसीआर में आसमान पर धुंध की चादर और हवा में ज़हर घुलता जा रहा है। पटाखों की शुरुआत से पहले ही राजधानी की हवा में दम घुटने लगा है। 19 अक्टूबर 2025 की सुबह 8 बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 335 दर्ज किया गया — यानी हवा ‘बहुत खराब’ स्थिति में पहुंच चुकी है।
इस खतरनाक हालात को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने तुरंत GRAP Stage-2 लागू करने का आदेश दिया है। मौसम विभाग की चेतावनी है कि आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं।
क्या है GRAP-2 और कब लागू होता है?
GRAP यानी Graded Response Action Plan— एक ऐसा इमरजेंसी प्लान है जो हवा की गुणवत्ता बिगड़ने पर चरणबद्ध तरीके से लागू होता है।
GRAP-2 तब लागू होता है जब AQI 301 से 400 के बीच हो।
इसके बाद अगर AQI 401-450 तक जाता है तो GRAP-3, और
450+ होने पर GRAP-4 लागू होता है।
GRAP-2 में क्या-क्या बंद होगा?
राजधानी में GRAP-2 लागू होने के साथ ही कई तरह की पाबंदियां भी आ गई हैं। इनका उद्देश्य है — प्रदूषण के स्रोतों को समय रहते कंट्रोल करना।
प्रतिबंधों की प्रमुख बातें:
सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग और पानी का छिड़काव अनिवार्य।
निर्माण स्थलों पर सख्त निगरानी और धूल नियंत्रण उपाय अनिवार्य।
डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध।
छूट सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं को—जैसे अस्पताल, एयरपोर्ट, मेट्रो आदि।
ट्रैफिक नियंत्रण के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती।
पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी ताकि लोग निजी वाहन कम इस्तेमाल करें।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए विशेष इंतजाम।
कौन-कौन से इलाके हैं सबसे ज्यादा प्रभावित?
19 अक्टूबर को दर्ज किए गए AQI स्तर ने कई इलाकों में स्थिति को चिंताजनक बना दिया है:
आनंद विहार – 430 (गंभीर)
वजीरपुर – 364
विवेक विहार – 351
द्वारका – 335
आरके पुरम – 323
ये आंकड़े बताते हैं कि दीवाली से एक दिन पहले ही हवा की गुणवत्ता ने “खतरनाक” स्तर पार कर लिया है।
मास्क अब लग्जरी नहीं, जरूरत है
वायु प्रदूषण के इस स्तर पर सांस लेना भी चुनौती बन चुका है। डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स का साफ कहना है कि घर से बाहर निकलते वक्त मास्क पहनना अब ज़रूरी है — खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए।
मौसम का हाल
20 अक्टूबर 2025 (दीवाली के दिन):
अधिकतम तापमान: 33°C
न्यूनतम तापमान: 21°C
ठंडी हवा और कम हवा की गति के कारण स्मॉग फैलने की संभावना और बढ़ गई है।
