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Delhi Road Accidents: पैदल और साइकिल से चलना Delhi में खतरनाक, डेढ़ साल में 619 की मौत

नई दिल्ली 09 अक्टूबर 2025 : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जहां की सड़क से लेकर यातायात व्यवस्था आदर्श होनी चाहिए लेकिन वहीं स्थिति बहुत खराब है। राजधानी की दिल्ली की सड़कें पैदल चलने वालों और साइकिल सवारों के लिए खूनी साबित होती है। क्योंकि जो भी घातक हादसा होता है उसमें बचने की संभवना न के बराबर ही रहती है। पुलिस के आंकडें इसकी पुष्टि करते हैं।

यह हालत तब है जब दिल्ली में जनसंख्या जिस तेजी से बढ़ रही है उस हिसाब से न तो सड़कों का विस्तार किया जा रहा है और न ही साइकिल चालकों के लिए अलग से साइकिल ट्रैक की व्यवस्था की जा रही है। जनसंख्या के साथ-साथ हर साल वाहनों का दबाव भी काफी तेजी से बढता जा रहा है। इन सब कारणाें से हर साल सड़क हादसों में वृद्धि हो रही है।

सड़क हादसे मेें सबसे अधिक मौत पैदल यात्रियों व साइकिल सवारों की हो रही है। इन हादसों की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए सभी राज्यों को छह माह के अंदर पैदल यात्रियों व साइकिल चालकों को लेकर व्यवस्था बनाने के लिए आदेश जारी किया है।

वाहन क्षेणी20242025
 घातक हादसेमरेघातक हादसेमरे
कार सवार27291719
साइकिल सवार26262021
पैदल यात्री285286283286
दोपहिया वाहन चालक297305247252

(आंकड़े 30 जून तक के हैं)

सबसे घातक ट्रैफिक सर्कल

क्षेत्रहादसेमौत
नरेला5855
समयपुर बादली3936
द्वारका2927
अशोक विहार2727
कोतवाली2725
नांगलोई2626
पश्चिम विहार2424
राजौरी गार्डन2423
रोहिणी2420
कापसहेड़ा2019

कुछ पुराने साइकिल सवारों के साथ हुई सड़क दुर्घटनाओं की जानकारी


3 मार्च, 2024 को साउथ-ईस्ट दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव इलाके में एक तेज रफ्तार पिकअप ने एक साइकिलिंग क्लब के तीन सदस्यों को टक्कर मार दी, जिसमें एक महिला की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए।

17 अगस्त 2024 को एक तेज रफ्तार मर्सिडीज कार ने दक्षिणी दिल्ली के आश्रम इलाके में 34 वर्षीय साइकिल सवार राजेश को कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

29 मई 2025 को पश्चिमी दिल्ली के पंखा रोड पर एक किशोर द्वारा चलाई जा रही कार ने एक साइकिल सवार को टक्कर मारी और फिर सड़क किनारे एक झोपड़ी में घुस गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई और तीन घायल हो गए।

27 नवंबर 2022 को महिपालपुर फ्लाईओवर पर एक बीएमडब्ल्यू कार से हुई टक्कर में साइकिल सवार शुभेंदु चटर्जी की मौत हो गई थी, जिससे साइकिल सुरक्षा पर सवाल उठे थे।पुलिस के आंकडों अनुसार वर्ष 2024 और 2025 में जून तक हुए साइकिल सवारों और पैदल चलने वालों के साथ हुए घातक हादसों में 619 लोगों की जान तक चली गई है। इसकी एक बड़ी वजह दिल्ली की सड़कों पर पैदल और साइकिल सवारों के चलने के लिए पर्याप्त स्थान ही नहीं हैं अगर हैं भी तो या तो वह जर्जर हैं या फिर उस पर कब्जा हो रखा है।

आलम यह है कि लुटियंस दिल्ली में भी पूरी तरह साइकिल ट्रेक नहीं है। 1280 किलोमीटर वाले एनडीएमसी क्षेत्र में मात्र 372 किलोमीटर लंबा ही फुटपाथ है और सात किलोमीटर लंबे ही साइकिल ट्रेक हैं। लुटियंस दिल्ली से इतर हैं पीडब्ल्यूडी की सड़कों की स्थिति भी खराब है। 1259 किलोमीटर लंबी सड़क पर मात्र 100 किलोमीटर से कम है का ही साइकिल ट्रेक है और जो फुटपाथ है वह या तो क्षतिग्रस्त हैं या फिर कब्जों की जद में है।

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