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दिल्ली ब्लास्ट: NIA जांच में खुलासा – हमास की तर्ज पर ड्रोन अटैक की थी तैयारी

 18 नवंबर 2025 : दिल्ली में लाल किला के पास 10 नवंबर को हुए आत्मघाती कार धमाके की जांच में NIA को चौंकाने वाली जानकारी मिली है। जांच में पता चला है कि इस हमले में शामिल “वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल” पहले हमास की तरह ड्रोन और रॉकेट से हमला करने की तैयारी कर रहा था। हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर इसी तरह के ड्रोन और रॉकेट हमले किए थे, जिससे भारी तबाही हुई थी। दिल्ली में भी उसी तरह का हमला करने की कोशिश की जा रही थी।

ड्रोन और रॉकेट से हमला करने की थी योजना

इस खुलासे की पुष्टि तब हुई जब NIA ने डॉ. उमर उन नबी के एक और साथी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को गिरफ्तार किया। दानिश जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड का रहने वाला है। NIA ने उसे श्रीनगर से हिरासत में लिया था और सोमवार को आधिकारिक रूप से गिरफ्तार किया।

NIA के अनुसार दानिश को छोटे ड्रोन हथियार बनाने का अनुभव है। वह ड्रोन को मॉडिफाई कर उन पर भारी बम लादकर उड़ाने की तकनीक विकसित कर रहा था। वह रॉकेट बनाकर हमले करने की भी कोशिश कर रहा था। उसने डॉ. उमर को टेक्निकल सपोर्ट दिया और साजिश में सक्रिय रूप से शामिल था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वह बड़ी बैटरियों वाले शक्तिशाली ड्रोन बना रहा था, जिन पर कैमरा और भारी विस्फोटक दोनों फिट हो सकें।

भीड़भाड़ वाले इलाके में ड्रोन से बम गिराने की प्लानिंग

जांच में यह भी सामने आया है कि आतंकी मॉड्यूल अधिक से अधिक लोगों को मारने के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों पर ड्रोन से बम गिराने की योजना बना रहा था। यानी उद्देश्य बड़े पैमाने पर जनहानि करना था।

मुख्य आरोपी आमिर राशिद अली भी पकड़ा गया

NIA ने सोमवार को इस केस के मुख्य आरोपी आमिर राशिद अली को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया, जहाँ से उसे 10 दिन की NIA कस्टडी मिली। आमिर पंपोर (जम्मू-कश्मीर) का रहने वाला है। धमाके में इस्तेमाल हुई कार उसी के नाम पर रजिस्टर्ड थी। वह हमले वाले दिन डॉ. उमर से आखिरी बार संपर्क में था। आमिर को रविवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।अब तक जम्मू-कश्मीर पुलिस कुल 8 गिरफ्तारियां कर चुकी है।

यह मॉड्यूल इतना खतरनाक क्यों?

मॉड्यूल में शामिल लोग उच्च शिक्षित और तकनीकी ज्ञान वाले थे। हमले की योजना “हमास स्टाइल” में बड़े पैमाने पर नागरिकों को निशाना बनाने की थी। ड्रोन और रॉकेट तकनीक की मदद से यह हमला और भी खतरनाक हो सकता था। NIA अब दानिश के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, ड्रोन पार्ट्स और मैसेजिंग ऐप्स की जांच कर रही है ताकि नेटवर्क का पूरा ढांचा समझा जा सके।

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