18 दिसंबर 2025 : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में साइबर ठगों ने 75 साल की बुजुर्ग महिला को कॉल कर खुद को CBI अधिकारी बताया और उसे डिजिटल अरेस्ट के डर में डालकर करीब 1.5 करोड़ की एफडी ठगने का प्रयास किया। ठगों ने महिला को बताया कि उसके आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल आतंकी फंडिंग के लिए हुआ है। उन्होंने वीडियो कॉल के माध्यम से कथित सरकारी ऑफिस और वर्दीधारी अधिकारियों का सीन दिखाया। महिला को घर से बाहर न निकलने, किसी से बात न करने और पुलिस को सूचना न देने की हिदायत दी। डर के चलते महिला उनके दबाव में आ गई और बैंक जाकर अपनी जमा पूंजी की एफडी तुड़वाने लगी।
पुलिस की तुरंत कार्रवाई से ठगी रोकी
इस दौरान विकासनगर थाना पुलिस को किसी माध्यम से जानकारी मिली। पुलिस ने तुरंत बैंक अधिकारियों से संपर्क कर एफडी का भुगतान रोकवाया और ठगों के खातों को फ्रीज करवा दिया। जांच में यह भी पता चला कि ठग पहले ही महिला के कई गोपनीय दस्तावेज हासिल कर चुके थे, जिससे अन्य खातों से पैसे निकालने का खतरा था। पुलिस ने महिला के सभी खातों को सुरक्षित कराया।
साइबर ठगों के चालबाज तरीके
बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाया गया। वीडियो कॉल पर वर्दीधारी अधिकारियों का सीन दिखाया गया। बैंक डिटेल्स और अहम दस्तावेज हासिल कर पूरी जमा पूंजी ट्रांसफर करने का दबाव बनाया। महिला को घर में बंद रहने और किसी से बात न करने की चेतावनी दी।
पुलिस की चेतावनी और सुझाव
पुलिस अधिकारियों ने महिला को समझाया कि कोई सरकारी एजेंसी वीडियो कॉल के जरिए गिरफ्तारी या पैसों की मांग नहीं करती। महिला को भविष्य में सतर्क रहने की सलाह दी गई। लखनऊ पुलिस की सतर्कता और तेजी से कार्रवाई के कारण लगभग 1.5 करोड़ की साइबर ठगी नाकाम हो गई। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति खुद को CBI, ED या किसी अन्य जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर फोन या वीडियो कॉल करे और पैसों की मांग करे, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें।
