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केंद्र सरकार में बदलाव: कैबिनेट सचिव ने सेवा तीर्थ-2 से संभाली कमान, PMO और NSA ऑफिस भी होंगे शिफ्ट

 24 सितंबर 2025 : केंद्र सरकार की ऐतिहासिक सत्ता की कुर्सियों को नई जगह शिफ्ट करने की शुरुआत हो गई है. मंगलवार को कैबिनेट सचिव टी. वी. सोमनाथन ने दिल्ली के सेंट्रल विस्टा एरिया में बनी नई इमारत ‘सेवा तीर्थ-2’ से अपना कामकाज शुरू कर दिया है. यह बिल्डिंग एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव-I में वायु भवन के पास स्थित है. हालांकि, फिलहाल कैबिनेट सचिवालय राष्ट्रपति भवन से काम कर रहा था.

नई इमारत और भविष्य की योजना

सेंट्रल विस्टा के इस नए एन्क्लेव में तीन इमारतें तैयार की गई हैं – सेवा तीर्थ-1, सेवा तीर्थ-2 और सेवा तीर्थ-3. इनमें से सेवा तीर्थ-1 में नया प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और सेवा तीर्थ-3 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) का ऑफिस शिफ्ट होगा.

नई इमारत में कैबिनेट सचिव ने अपनी पहली बैठक ‘ट्रांसफॉर्मिंग दिल्ली’ विषय पर की. इस बैठक में केंद्र सरकार के दो दर्जन से ज्यादा सचिव और दिल्ली सरकार के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में दिल्ली-NCR में चल रहे विकास कार्यों और योजनाओं की प्रगति पर चर्चा हुई.

सेंट्रल विस्टा और दिल्ली विकास पर फोकस

आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अधिकारियों ने सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नए आवास और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) सहित कई एजेंसियों द्वारा किए जा रहे कामों की डिटेल्ड जानकारी दी. बैठक में यमुना नदी के कायाकल्प और दिल्ली को रहने के लिए बेहतर शहर बनाने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई.

सरकार की थीम और विजन

पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (CCS) भवन का उद्घाटन किया था, जिसका नाम कर्तव्य भवन रखा गया है. सरकार का कहना है कि इन सभी नई इमारतों के नाम जनता की सेवा की भावना और प्रधानमंत्री की थीम को ध्यान में रखकर रखे जा रहे हैं. केंद्र का लक्ष्य है कि 2027 तक सेंट्रल विस्टा से जुड़े सभी बड़े प्रोजेक्ट पूरे कर लिए जाएं, जिसमें प्रधानमंत्री का नया आवास भी शामिल है.

कैबिनेट सचिवालय का इतिहास

कैबिनेट सचिवालय की शुरुआत ब्रिटिश शासन के दौरान एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सचिवालय के रूप में हुई थी. उस समय भारत के गवर्नर-जनरल की काउंसिल देश का प्रशासन संभालती थी और उसके सचिव को ‘सेक्रेटरी टू द एक्जीक्यूटिव काउंसिल’ कहा जाता था. वहीं, 1946 में जब अंतरिम सरकार बनी, तब इसका नाम बदलकर कैबिनेट सचिवालय कर दिया गया और इसके प्रमुख को कैबिनेट सचिव कहा जाने लगा.

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