29 जनवरी 2025 : आचार्य चाणक्य को हम सब एक महान अर्थशास्त्री के तौर पर जानते हैं, लेकिन इसके साथ-साथ वे एक कुशल रणनीतिकार और कूटनीतिज्ञ भी थे. उनकी सोच व नीतिपूर्ण सलाह के चर्चे उस समय से लेकर आज के समय में भी काफी प्रचलित हैं. बता दें कि चाणक्य की इन्हीं नीतियों को उन्होंने एक शास्त्र लिख दिया. जिसे हम नीतिशास्त्र के नाम से जानते हैं. बता दें कि नीतिशास्त्र में आचार्य चाणक्य ने जीवन के कई पहलुओं को लेकर विस्तार से बताया है. व्यक्ति के अच्छे-बुरे समय से लेकर वैवाहिक जीवन, करियर सहित कई व्यक्ति विशेषताओं के बारे में भी जानकारी दी है.
माना जाता है कि जो व्यक्ति चाणक्य नीति को पढ़ कर उसकी गहराई तर पहुंच गया उसे जीवन की हर परिस्थिति से लड़ने का हुनर आने लगता है. वह बड़े ही साहस से उनका सामना कर निकल सकता है. हालांकि इसके अलावा आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में कुछ ऐसी नीतियां भी बताई हैं जिन्हें अमल कर जीवन में लाने से घर में पैसों के नए स्त्रोत बनने लगते हैं और धन खुद आपके पास चलकर आने लगता है. तो आइए जानते हैं पंडित रमाकांत मिश्रा से आचार्य चाणक्य की उन नीतियों के बारे में जो कि व्यक्ति को धनवान बनने में मदद करती हैं.
व्यक्ति का कर्म है बेहद महत्वपूर्ण
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति के जीवन में उसके अमीर,गरीब सहित जो भी स्थिति बनती हैं उसका पहला कारण उनके द्वारा किये गए कर्म होते हैं. जो व्यक्ति कर्मशील नहीं होते हैं उनका विकास नहीं हो पाता और वे हमेशा पैसों के अभाव में जीवन जीते हैं. अपने जीवन में वे तरक्की और उन्नति नहीं कर पाते हैं. इसलिए अपने कर्मों में सुधार लाएं और ऐसे कर्म करें जो कि आपको उन्नति के मार्ग पर ले जाएं. आचार्य चाणक्य के अनुसार, इसके अलावा व्यक्ति को जो चीजें अमीर बनाती है व उसके पास पैसों की बरकत बढ़ाती हैं उन आदतों के बारे में जान लेते हैं.
दान-पुण्य करने की आदत
चाणक्य नीति के अनुसार, जिन लोगों में दान-पुण्य करने की आदत होती है उनके पास कभी धन की कमी नहीं होती है, क्योंकि जो दूसरों के प्रति परोपकार की भावना रखते हैं उन लोगों के साथ हमेशा आशीर्वाद होता है. जो कि उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में मदद करता है. इसके साथ ही मां लक्ष्मी भी ऐसे लोगों से हमेशा प्रसन्र रहती हैं. इसके पास धन आने के स्त्रोत बढ़ते हैं.
अन्न की बर्बादी न करना
चाणक्य नीति के अनुसार, जिस घर में अन्न की बर्बादी होती है वहां हमेशा आर्थिक तंगी बनी रहती है. लेकिन जहां अन्न को व्यर्थ नहीं किया जाता और जहां अन्न की बर्बादी नहीं की जाती है वहां हमेशा मां लक्ष्मी का वास होता है और धन का आना कभी नहीं रुकता है. क्योंकि हमारी संस्कृति में अन्न को देवता के समान माना जाता है. इसलिए अगर आप धनवान बनना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने घर में अन्न को व्यर्थ करने से बचें.
मेहमानों का आदर सत्कार
चाणक्य नीतिशास्त्र के अनुसार, जिस घर में मेहमानों का आदर पूर्वक सत्कार किया जाता है वहां कभी धन की कमी नहीं होती और इन लोगों के घर में हमेशा बरकत रहती है. क्योंकि घर आए मेहमान को भगवान के रुप में देखा जाता है. इसलिए जब भी कोई आपके घर आए तो हमेशा उसका सम्मान करें और सामर्थ्यपूर्वक उनका सत्कार करें. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और इसपर धन की कभी कमी नहीं होती है.
