03 मई 2025 : आचार्य चाणक्य भारत के महान राजनीतिज्ञ और दार्शनिक थे. चाणक्य एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे. उन्हें वेदों का गहरा ज्ञान था. चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को अपनी सफल नीतियों के बल पर सत्ता दिलवाई. आचार्य चाणक्य राजनीति के साथ-साथ समाज के हर पहलू की गहराई से समझ रखते थे. आज के दौर में भी आचार्य चाणक्य की बातें और नीतियां कोई व्यक्ति अपने जीवन में अपना ले तो सफलता हासिल कर सकता है और हर परेशानी का समाधान निकाल सकता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर चाहे सामने कोई दुश्मन ही क्यों न हो, अगर कुछ नीतियों का पालने किया जाए तो सामने वाले से अपनी बात मनवाई जा सकती है. सुनने में ये थोड़ा जादू जैसा लग सकता है, लेकिन असल में ये एक बढ़िया रणनीति है.
पहले सामने वाले को जानिए
किसी को भी अपनी बात मनवाने से पहले ये जानना ज़रूरी है कि वह इंसान कैसा है, उसकी सोच कैसी है, उसकी कमजोरी क्या है और किस बात से वो खुश या नाराज़ होता है. चाणक्य कहते हैं कि जब तक आप सामने वाले की सोच, उसका स्वभाव और उसकी ज़रूरतें नहीं समझते, तब तक आप उसे प्रभावित नहीं कर सकते. जब आप उसे अच्छे से समझ जाओगे, तो वही बातें कह पाओगे जो उसे सुननी हैं.
विचार जानें
आप जो बात मनवाना चाहते हैं धीरे-धीरे उसी टॉपिक पर बात करें और दूसरे व्यक्ति के विचार समझें. सच ये है कि किसी को अगर आप सीधा कुछ करने को कहेंगे, तो ज़्यादातर लोग मना ही करेंगे. इसलिए धीरे-धीरे उसे अपनी बातों में उसी रास्ते पर ले जाएं और वो खुद सोच ले कि यही सही है, तो बात बन जाएगी.
तारीफ ज़रूर करें लेकिन सोच-समझकर
हर किसी को तारीफ पसंद होती है. लेकिन चाणक्य कहते हैं कि तारीफ में भी संतुलन होना चाहिए.
बहुत ज़्यादा करोगे तो लोग समझ जाएंगे कि मकसद कुछ और है. थोड़ी सी सच्ची तारीफ करें जो दिल से लगे. वो आपके पक्ष में माहौल बना सकती है.
उनकी भाषा में बात करें
अगर सामने वाले को मनाना है, तो उसकी सोच, उसके विश्वास और उसकी भावनाओं को समझो.
जिस चीज़ में वो यकीन रखता है, उसी भाषा में बात करो. अगर आप अपनी बात को उसके नज़रिए से जोड़ दोगे, तो आपकी बात सीधे उसके दिल तक जाएगी.
सही वक्त का इंतज़ार करो
सही टाइम बहुत ज़रूरी होता है. अगर आप जल्दीबाज़ी करोगे तो सामने वाला दूर भाग सकता है.
और अगर बहुत देर कर दोगे, तो मौका निकल सकता है. जब माहौल सही हो तब ही अपनी बात सामने रखो.
