18 दिसंबर 2025 : दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और साइबर सेल ने एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है जिसकी डोर चीन से जुड़ी थी। इस गिरोह ने दिल्ली के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) को अपना शिकार बनाकर उनसे 47 लाख रुपये की ठगी की। पुलिस ने अब तक इस मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनके तार देशभर में दर्ज 1167 साइबर शिकायतों से जुड़े पाए गए हैं।
चीन से था मास्टरमाइंड टॉम का कनेक्शन
जांच में सामने आया है कि इस पूरे गोरखधंधे का असली मास्टरमाइंड चीन में बैठा टॉम नाम का शख्स है। वह टेलीग्राम के जरिए भारतीय गुर्गों को निर्देश देता था। बिहार के बेगूसराय का रहने वाला आशीष कुमार उर्फ जैक, टॉम का मुख्य मोहरा था। टॉम इन आरोपियों को हर अवैध ट्रांजैक्शन पर 1 से 1.5% कमीशन देता था। आरोपियों ने नोएडा में एक फर्जी ऑफिस खोल रखा था ताकि वे खुद को एक वैध निवेश फर्म के रूप में दिखा सकें।
कैसे फंसे दिल्ली के CA?
साइबर ठगों ने पीड़ित चार्टर्ड अकाउंटेंट को एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा और ‘आज खरीदें-कल बेचें’ (BTST) तथा धमाकेदार IPO रेटिंग के जरिए रोजाना भारी मुनाफे का लालच दिया।
- भारी निवेश: मुनाफे के झांसे में आकर CA ने दो महीने के भीतर ₹47,23,015 निवेश कर दिए।
- धमकी का खेल: जब पीड़ित ने पैसे निकालने की कोशिश की तो आरोपियों ने उन्हें कानूनी डर दिखाया और पैसे निकालने के नाम पर और भी रकम वसूल ली।
7 बैंकों में खाते और पैसों की हेराफेरी
ठगी की रकम को छिपाने के लिए आरोपियों ने एक जटिल जाल बुना था। इन्होंने इंडसइंड, HDFC, यस बैंक, IDFC फर्स्ट जैसे 7 नामी बैंकों में फर्जी फर्मों के नाम पर करंट अकाउंट खोल रखे थे। हर्शिता फर्नीचर्स और बुबाई इंस्टेंट शॉप जैसी शेल कंपनियों का इस्तेमाल पैसों को इधर-उधर करने के लिए किया गया।
इन 14 ऐप्स को अभी डिलीट करें
दिल्ली पुलिस की पूछताछ में 14 ऐसे फर्जी ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट ऐप्स के नाम सामने आए हैं जिनका इस्तेमाल लोगों को ठगने के लिए किया जा रहा था। अगर आपके फोन में इनमें से कोई भी ऐप है, तो उसे तुरंत हटा दें:
| 1. EXVENTOR | 2. PAYINDIA | 3. FXROAD | 4. QUANTA |
| 5. LANTAVA | 6. QUANTRO | 7. BORIS | 8. SEVEXA |
| 9. INDIA CORPORATE | 10. CAPPLACE | 11. TRADEGRIP | 12. EZINVEST |
| 13. INDUX | 14. INDEXFLUX |
पुलिस की अपील और गिरफ्तारी
गिरफ्तार आरोपियों में बिहार के आशीष के अलावा हरियाणा के मंजीत सिंह, मंशवी, सोमबीर, मनीष मेहरा और अतुल शर्मा शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि ये लोग फर्जी सिम कार्ड और जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहे थे।




