काठी डांस: सोलह श्रृंगार से सजी ‘काठी’ की रहस्यमयी कथा
खरगोन 27 नवम्बर 2024 : मध्य प्रदेश का निमाड़ अपनी अनोखी लोक कलां और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है. काठी नृत्य यहां की प्रमुख लोक कलाओं में से एक है.…
OTT पर अश्लीलता के खिलाफ अरुण गोविल की संसद में ललकार
27 नवम्बर 2024 : संसद का शीतकालीन सत्र 2024 शुरू हो चुका है और ये 20 दिसंबर तक चलेगा. इस बार भाजपा सांसद अरुण गोविल ने पहली बार अपना सवाल…
700 साल पुराना बिजनेस आज भी रोजगार दे रहा है, दुनियाभर में है डिमांड।
गुजरात: खंभात, आणंद ज़िले का एक ऐतिहासिक शहर है, जहाँ 700 साल पुराना अकीक पत्थर का व्यवसाय अब भी यहाँ के करीब 5,000 लोगों को रोज़गार प्रदान करता है. अकीक…
यह खास चीज सब्जी का स्वाद बढ़ाती थी, अब घरों से गायब।
सिल बट्टा. उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाके में इसे सिल लोढ़ा भी कहा जाता है. अपने आकार में ये कब आया इस पर बहस हो सकती है. लेकिन ये तो…
इस फूल के बिना आदिवासियों की शादी नहीं होती, भगवान शिव को पसंद।
रांची. हर समुदाय के शादी में कई सारे रीति-रिवाज होते हैं. उसमें कुछ ऐसी खास चीजें होती हैं जो उसे विशेष समुदाय में ही देखी जाती है. इसी क्रम में…
फेस्टा इटालियाना 2024: कोलकाता में मनाया जाएगा इतालवी संस्कृति और भोजन का उत्सव
25 नवम्बर 2024 : ‘वर्ल्ड वीक ऑफ इटालियन क्यूज़ीन’ के अवसर पर, कोलकाता में इटली के वाणिज्य दूतावास ने 21 नवंबर को फेस्टा इटालियाना 2024 का आयोजन किया। इटली के…
सिनेमा में गाने को लेकर द रॉक बोले- स्वतंत्र महसूस करें
25 नवम्बर 2024 : ड्वेन जॉनसन ने कहा है कि प्रशंसकों को सिनेमा में गाने के लिए स्वतंत्र महसूस करना चाहिए। वह मोआना 2 के यूके प्रीमियर में शामिल हुए।…
नई दुल्हन पैरों से थाली धकेलती है, जानें इस परंपरा की वजह
25 नवम्बर 2024 : भारत में हर जनजाति की अपनी विशेष परंपराएं और रीति-रिवाज होते हैं. इनमें से एक है थारू जनजाति, जो उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, और नेपाल में निवास…
राजस्थानी हस्तशिल्प की अनोखी कला, हाथ से बनी चमड़े की मोचड़ियां!
राजस्थान के कई कारीगर अपनी हस्तकला से पहचान बनाए हुए हैं, और ऐसा ही एक कारीगर है जयपुर जिले के किशनगढ़ रेनवाल का मुकेश कुमार. मुकेश देशी चमड़े से बनी…
400 साल बाद बीकानेर के राजा के वंशज बुरहानपुर पहुंचे! प्राचीन स्मारक का कर रहे छानबीन, जानें क्या है पूरा मामला…
बुरहानपुर. मध्य प्रदेश को एक ऐतिहासिक प्रदेश कहा जाता है यहां पर आज भी कई पुराने जमाने के महल, स्मारक, मंदिर, गुरुद्वारा और दरगाह मौजूद हैं जो अपनी-अपनी मान्यताएं रखती…
