मुंबई 08 दिसंबर 2025 : नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में विपक्षी नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया। उनके कार्यकर्ताओं ने चुनाव लड़ा, लेकिन विपक्ष ने उन्हें समर्थन तक नहीं दिया। वे उनके लिए मैदान में भी नहीं उतरे। क्योंकि अगर वे इन चुनावों में हार जाते, तो महापालिका चुनाव में दिखाने की उनकी ‘ठाकरे ब्रांड’ वाली छवि का फुग्गा फूट जाता। इसलिए उन्होंने प्रचार करने की हिम्मत ही नहीं की। ऐसा आरोप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे पर बिना नाम लिए लगाया।
फडणवीस ने कहा कि नगरपालिका चुनाव कार्यकर्ताओं का चुनाव होता है। जो कार्यकर्ता हमारे लिए मेहनत करते हैं, उनके साथ खड़े रहने का फैसला हमने तीनों ने मिलकर लिया। हर जगह गठबंधन संभव नहीं था। जहां संभव था, वहां गठबंधन किया और कुछ जगह अलग चुनाव लड़ा। मैं मुख्यमंत्री होने के बावजूद 10 हजार की आबादी वाले गांव में भी प्रचार करने गया।
अधिवेशन में 18 विधेयक पेश होंगे
हिवाली अधिवेशन से पहले फडणवीस ने बताया कि इस सत्र में कुल 18 विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे। चुनाव आचार संहिता के कारण अधिवेशन का समय कम है, लेकिन शनिवार और रविवार जैसे छुट्टी के दिनों में भी कामकाज किया जाएगा। उन्होंने कहा—
“सरकार अधिवेशन से भागने वाली मानसिकता नहीं रखती।
“इंस्टाग्राम पर फोटो डाल दूंगा” — शिंदे का तंज
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच मतभेद की खबरों पर शिंदे ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में कहा—
“अब हम रोज़ क्या बात करते हैं, उसका रिकॉर्डिंग भेज दें आपको? नहीं तो हर दिन फोटो खींचकर इंस्टाग्राम पर डाल दूँ, या फिर ‘हास्यजत्रा’ में ही चले जाएँ?”
विपक्ष को आत्मचिंतन करना चाहिए — शिंदे
शिंदे ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा—
“विपक्ष कहता है कि उन्हें विपक्ष नेता चाहिए, लेकिन जनता ने उन्हें ही नकार दिया। उन्हें इतना भी जनसमर्थन नहीं मिला कि वे विपक्ष के नेता बन सकें। इसलिए उन्हें आत्मचिंतन करना चाहिए। हम विपक्ष का अनादर नहीं करते, लेकिन कम से कम अगली बार विपक्ष नेता बनने लायक ताकत जुटानी चाहिए।”
