29 जुलाई 2025 : भारतीय जनता पार्टी में लंबे समय से चल रहा सवाल कि जेपी नड्डा के बाद पार्टी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा अब उस पर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। बताया जा रहा है कि पार्टी के भीतर संगठनात्मक बदलाव की आहट तेज़ हो गई है और संसद के मौजूदा मानसून सत्र के समापन के बाद और बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी को अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। यह बदलाव ऐसे समय में हो रहा है जब पार्टी को एक ओर आगामी बिहार चुनाव की चुनौती का सामना करना है वहीं दूसरी ओर देश भर में अपनी सांगठनिक पकड़ को और मजबूत करना है।
अध्यक्ष पद के लिए ये हैं प्रमुख दावेदार
भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कई बड़े नाम चर्चा में हैं। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
➤ धर्मेंद्र प्रधान: ओडिशा के एक प्रमुख ओबीसी नेता जो अपनी संगठनात्मक सूझबूझ और केंद्रीय नेतृत्व से निकटता के लिए जाने जाते हैं।
➤ भूपेंद्र यादव: संगठन का माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। उनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से गहरा जुड़ाव है साथ ही वह प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के करीबी भी माने जाते हैं। उन्होंने कई राज्यों (जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र) में सफल चुनावी प्रबंधन का काम संभाला है।
➤ शिवराज सिंह चौहान: लंबे समय तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं और जमीनी स्तर के अनुभव वाले एक जन नेता के रूप में देखे जाते हैं।
➤ मनोहर लाल खट्टर: निरंतरता और प्रशासनिक अनुभव का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार पार्टी की अंतिम पसंद संगठनात्मक अनुभव, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और जाति संतुलन को ध्यान में रखकर की जा सकती है।
जेपी नड्डा का कार्यकाल और आगे का सफर
बीजेपी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जनवरी 2020 से इस पद पर हैं। जनवरी 2020 में सर्वसम्मति से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने से पहले जून 2019 में उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। नड्डा को यह जिम्मेदारी ऐसे समय में मिली थी जब पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज कर चुकी थी और संगठन को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उन पर थी।
जेपी नड्डा का मूल कार्यकाल जनवरी 2023 में खत्म हो गया था लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने जनवरी 2023 में उनके कार्यकाल को जून 2024 तक बढ़ाने का सर्वसम्मति से फैसला किया। 2024 के चुनाव में जीत के बाद एनडीए की सरकार बनी और जेपी नड्डा को पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में केंद्रीय स्वास्थ्य और रसायन एवं उर्वरक मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल किया गया। तब तक जेपी नड्डा का बीजेपी अध्यक्ष के रूप में विस्तारित कार्यकाल भी खत्म हो गया जिससे बीजेपी में नए अध्यक्ष के चयन की अटकलें तेज हो गईं।
चुनाव में देरी और प्रक्रिया
कई राज्यों में पार्टी संगठन की नई नियुक्तियों में देरी की वजह से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अटका हुआ है। इसके अलावा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे के कारण भी चुनाव प्रक्रिया में देरी हो रही है क्योंकि पार्टी का तत्काल ध्यान नए उपराष्ट्रपति के चुनाव पर केंद्रित हो गया है।
कैसे होता है BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव?
भारतीय जनता पार्टी के संविधान और नियम की धारा-19 में अध्यक्ष के चुनाव के प्रावधान दिए गए हैं। इसके मुताबिक राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के सदस्यों का एक इलेक्टोरल कॉलेज बनता है यही इलेक्टोरल कॉलेज राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करता है। चुनाव पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के तहत बनाए गए नियमों के लिए होता है।
क्या होनी चाहिए योग्यता?
अध्यक्ष बनने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 15 साल तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य रहा हो। इलेक्टोरल कॉलेज के कम से कम 20 सदस्य उसके प्रस्तावक हों और ये प्रस्ताव कम से कम 5 ऐसे राज्यों से हों जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव हो चुके हों। प्रस्ताव पर उम्मीदवार का दस्तखत भी जरूरी है। नॉमिनेशन के बाद वोटिंग होती है और बैलेट बॉक्स को काउंटिंग के लिए दिल्ली लाया जाता है।
कितने समय तक रह सकता है अध्यक्ष?
बीजेपी के संविधान और नियम की धारा-20 के मुताबिक कोई पात्र सदस्य 3-3 साल के लगातार 2 कार्यकाल यानी कुल 6 साल तक अध्यक्ष रह सकता है।
RSS की भूमिका
रिपोर्ट्स के अनुसार आरएसएस की सहमति राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन में महत्वपूर्ण मानी जाती है। कहा जा रहा है कि आरएसएस अभी तक किसी भी उम्मीदवार पर सहमत नहीं हुआ है और वह एक मजबूत संगठनात्मक नेता को अध्यक्ष के रूप में देखना चाहता है।
