04 अगस्त 2025 : बीड जिले के माजलगांव के सरपंच संतोष देशमुख की नृशंस हत्या ने महाराष्ट्र की राजनीति को झकझोर कर रख दिया था। अब इस मामले में नया मोड़ सामने आया है। मुख्य आरोपी वाल्मीक कराड और उसके सहयोगियों की संपत्तियों को जब्त करने की मांग बीड की विशेष मोक्का (MCOCA) अदालत में की गई है। सरकारी वकील द्वारा दाखिल इस अर्ज़ी पर आज अदालत अहम फैसला सुना सकती है।
मुंडे की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
इस मामले ने और तूल तब पकड़ा, जब सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने धनंजय मुंडे और वाल्मीक कराड के बीच जमीन की साझेदारी से जुड़े दस्तावेज ट्वीट कर सार्वजनिक किए। अगर कोर्ट ने कराड की संपत्तियों के साथ-साथ इस साझी संपत्ति को भी जब्त करने का आदेश दे दिया, तो धनंजय मुंडे को बड़ा राजनीतिक और कानूनी झटका लग सकता है।
वाल्मीक कराड पर लग सकते हैं आर्थिक प्रतिबंध
वाल्मीक कराड पर मोक्का कानून के तहत कार्रवाई की गई है। इस कानून के अनुसार गंभीर अपराधों में आरोपी की संपत्ति जब्त की जा सकती है ताकि आपराधिक गतिविधियों को रोका जा सके। अगर अदालत सरकारी वकील की अर्जी को मंजूरी देती है, तो कराड और उसके साथियों की संपत्तियों पर आर्थिक पाबंदियां लग सकती हैं।
बीड का राजनीतिक माहौल गरमाया
इस पूरे घटनाक्रम से बीड जिले का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। अगर वाकई साझी संपत्ति को जब्त किया गया, तो यह धनंजय मुंडे के लिए बड़ा झटका होगा, जिसका सीधा असर उनकी राजनीतिक स्थिति पर पड़ सकता है।
अब सभी की नजरें कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं, क्योंकि यह निर्णय सिर्फ एक आरोपी या एक राजनेता से नहीं जुड़ा, बल्कि बीड की राजनीति की दिशा तय करने वाला माना जा रहा है।
