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आजम खान केस: इलाहाबाद HC आज सुनाएगा 10 साल की सजा पर फैसला

10 सितंबर 2025  समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान से जुड़े चर्चित डूंगरपुर मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट  बुधवार यानी आज (10 सितंबर) दोपहर 2 बजे अपना फैसला सुनाएगा। यह मामला काफी समय से चर्चा में है और कोर्ट के इस फैसले पर सबकी नजरें टिकी हैं। यह फैसला हाईकोर्ट के जज जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ द्वारा सुनाया जाएगा। 12 अगस्त 2025 को इस केस में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी हो गई थीं, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

क्या है पूरा मामला?
यह केस रामपुर के डूंगरपुर इलाके का है, जहां दिसंबर 2016 में एक व्यक्ति अबरार ने आरोप लगाया कि आजम खान, तत्कालीन सीओ आले हसन खान और ठेकेदार बरकत अली ने मिलकर उसके साथ मारपीट की। घर में तोड़फोड़, धमकियां दी गईं और मकान को जेसीबी से गिरा दिया गया। यह मामला अगस्त 2019 में गंज थाना, रामपुर में दर्ज कराया गया था।

निचली अदालत का फैसला
इस मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने 30 मई 2024 को आजम खान को 10 साल की सजा, ठेकेदार बरकत अली को 7 साल की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ दोनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी।

कोर्ट में क्या-क्या दलीलें दी गईं?
आजम खान के वकील की दलील
वरिष्ठ अधिवक्ता इमरान उल्लाह ने कोर्ट को बताया कि एफआईआर घटना के 3 साल बाद दर्ज की गई, जो संदेह पैदा करती है।उन्होंने कहा कि 2017 के बाद आजम खान मंत्री नहीं थे, फिर भी 2019 में एफआईआर दर्ज कराई गई। वकील ने निचली अदालत के फैसले को अवैध और अनुचित बताया।

सरकार की ओर से दलील
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि निचली अदालत का फैसला पूरी तरह कानून के मुताबिक है। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष ने पुख्ता सबूतों के साथ आरोप सिद्ध किए हैं। आजम खान का आपराधिक इतिहास भी इस केस में एक महत्वपूर्ण बिंदु है।

डूंगरपुर विवाद की पृष्ठभूमि
2016 में सपा सरकार के दौरान, डूंगरपुर बस्ती को खाली कराया गया था। वहां के कई मकानों को जेसीबी मशीन से गिरा दिया गया, और बाद में ‘आसरा कॉलोनी’ बसाई गई। इन कार्रवाइयों को लेकर 12 अलग-अलग एफआईआर दर्ज हुईं, जिनमें लूट, चोरी और मारपीट जैसे आरोप थे। यह केस इन्हीं में से एक है।

आजम खान के लिए क्यों अहम है यह फैसला?
आजम खान फिलहाल जेल में बंद हैं। अगर हाईकोर्ट से राहत मिलती है तो उनकी सजा कम या खत्म हो सकती है। लेकिन अगर हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा, तो यह उनके लिए कानूनी तौर पर बड़ा झटका होगा। यह फैसला सिर्फ आजम खान और बरकत अली की सजा को लेकर नहीं है, बल्कि इससे जुड़े डूंगरपुर प्रकरण के अन्य मामलों पर भी असर डाल सकता है।

2 बजे के फैसले पर टिकी हैं नजरें
हाईकोर्ट का यह फैसला आज दोपहर 2 बजे सुनाया जाएगा। यह राजनीतिक, कानूनी और सामाजिक स्तर पर एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

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