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अंबाला कैंटोनमेंट बोर्ड स्कूलों में बदलेगा हाजिरी सिस्टम, अब ‘प्रेजेंट सर/मैम’ नहीं कहना होगा

अंबाला 03 दिसंबर 2025 अंबाला कैंटोनमेंट बोर्ड के स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर लगातार कवायद की जा रही है। बच्चों को स्कूल में बेहतर शिक्षा के साथ-साथ बेहतर माहौल मिले, इसके प्रयास बोर्ड द्वारा किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब स्कूलों में फेस रिकग्निशन कैमरे के साथ बायोमीट्रिक हाजिरी लगेगी। इसके लिए मशीनों को कक्षाओं के बाहर लगाया गया है। कक्षा में प्रवेश से पहले ही छात्र अपनी हाजिरी लगा सकेंगे, इससे शिक्षकों के समय की बचत होगी और हर छात्र पर स्मार्ट तरीके से निगरानी रहेगी। 

स्कूलों में होने वाले फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी

यह सुविधा तोपखाना परेड के स्कूल में प्राथमिक चरण में शुरु की गई है, यहां पांच मशीनें लगा दी गई हैं, जल्द ही अन्य पांच मशीनों को भी कक्षाओं के बाहर स्थापित कर दिया जाएगा। विद्यालय से बाहर रहने पर एप से हाजिरी नहीं लगेगी, इससे स्कूलों में होने वाले फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी, बल्कि विद्यालय में छात्रों व शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ने के साथ शैक्षणिक माहौल में भी सुधार होगा। ऐसी कुछ शिकायतें पूर्व में भी बोर्ड अधिकारियों के पास पहुंची थी कि शिक्षक एक दिन पहले ही रजिस्टर में सुबह व शाम की हाजिरी लगा लेते हैं। इससे स्कूल की शिक्षा के स्तर पर असर पड़ता है, अगर कोई दूसरा शिक्षक इस संबंध में शिकायत करता था तो उसके साथ मनमुटाव रखा जाता था।

पायलट प्रोजेक्ट के तहत कैंटोनमेंट बोर्ड ने अभी अपने अधीनस्थ एक स्कूल में इस सुविधा को शुरु किया है। इसके बाद यह सुविधा बोर्ड के अधीन पांच स्कूलों में भी शुरु की जाएगी। मौजूदा समय में कैंटोनमेंट बोर्ड के अधीन छह स्कूलों मे 2598 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनमें तोपखाना परेड के आरएचए बाजार स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 1012 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसी प्रकार आरएचए बाजार के प्राइमरी स्कूल में 267 बच्चे, बीसी बाजार के मिडिल स्कूल में 281 बच्चे, बीआई बाजार के हाई स्कूल में 396 बच्चे, रुट्स पब्लिक स्कूल में 514 बच्चे और वात्सल्य स्कूल में 128 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अंबाला कैंटोनमेंट बोर्ड के मनोनीत सदस्य अजय बवेजा ने कहा स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए यह एक अच्छा प्रयास है, इससे बच्चों की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा और शिक्षक भी सौहार्दपूर्ण माहौल में बच्चों को शिक्षा प्रदान कर सकेंगे।

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