जालंधर 30 जून 2025 : जालंधर वासियों के लिए बहुत खास खबर सामने आई है। लुधियाना, अमृतसर व संगरूर में प्रोजेक्ट की सफलता के बाद जालंधर में इसे लगाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, शहर में जापानी तकनीक से जंगल बसाया जा रहा है। जालंधर नगर निगम जापान की मशहूर मियावाकी विधि से सुभाना और खांबड़ा में पौधों से सघन वन क्षेत्र विकसित करने जा रहा है।
इस प्रोजेक्ट के लिए जालंधर के नकोदर रोड के खांबड़ा में ढाई एकड़ व सुभाना में 7 कनाल जमीन चयनित की गई है। सबसे खास बात ये है कि, इस पर खर्चा निगम नहीं करेगा बल्कि वर्धमान स्टील कंपनी खुद ही पौधे लगाएगी और 5 साल तक इनकी देखभाल भी करेगी। बताया जा रहा है कि, इस प्रोजेक्ट के लिए निगम का वर्धमान कंपनी के साथ एग्रीमेंट हो चुका है। इस सप्ताह में कंपनी पौधे लगाने का काम शुरू कर देगी।
बता दें कि, निगम के पास पहले से ही शहर में 35 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य है। पहली बार जालंधर निगम मियावाकी विधि से सघन वन क्षेत्र विकसित करने जा रहा है। इससे पहले मानसून के मौसम में नगर निगम चंडीगढ़ के आदेशों पर सीम के अंदर पार्की, सेंट्रल वर्ज, ग्रीन बेल्ट, वार्डों में पौधे लगाता था। मिली जानकारी के मुताबिक मियावाकी विधि से 1000 वर्गी फीट में 30 से अधिक प्रजातियों के 300 पौधे लगाए जा सकते हैं, जिनमें फूलदार, झाड़ीदार, फलदार व औषधीय आदि के पौधे शामिल हैं।
क्या है तकनीक और कैसे रखें ख्याल
इस प्रोजेक्ट के लिए पहले खुदाई करते प्राकृतिक खाद की मोटी परत बिछाई जाती है और फिर एक मीटर की दूरी पर पौधे लगाए जाते हैं। इस दौरान एक मुख्य पौधा और एक छोटा पौधा लगाया जाता है। इससे पौधे तेजी से बढ़तें, जिससे सघन वन बनता है। इन पौधों को 2 साल तक रोजाना पानी दिया जाता है।
