24 जुलाई 2025 : सपा नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान की कानूनी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला की ओर से दायर 2 याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिससे उनके खिलाफ निचली अदालत (एमपी-एमएलए कोर्ट, रामपुर) में चल रही दोनों मामलों की सुनवाई जारी रहेगी।
किसने सुनाया फैसला?
यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने सुनाया। हाईकोर्ट ने एक जुलाई को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, जो अब सुना दिया गया।
क्या हैं दोनों मामले?
फर्जी पासपोर्ट का मामला:
– आरोप है कि अब्दुल्ला आजम ने गलत जन्मतिथि के आधार पर पासपोर्ट बनवाया।
– बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने 30 जुलाई 2019 को रामपुर के सिविल लाइंस थाने में FIR दर्ज करवाई।
– FIR के मुताबिक, अब्दुल्ला को जो पासपोर्ट 2018 में जारी हुआ, उसमें जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 दर्ज है।
– जबकि उनके शैक्षिक दस्तावेजों में जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 बताई गई है।
दो पैन कार्ड रखने का मामला:
– 6 दिसंबर 2019 को फिर से आकाश सक्सेना ने रामपुर के सिविल लाइंस थाने में दूसरी FIR दर्ज कराई।
– इसमें आरोप था कि अब्दुल्ला आजम ने दो पैन कार्ड बनवाए।
– एक पैन नंबर था: DWAPK7513R (चुनावी हलफनामे में)
– दूसरा पैन नंबर था: DFOPK6164K (इनकम टैक्स रिटर्न में)
– ये धोखाधड़ी 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान की गई थी।
अब्दुल्ला आजम ने क्या कहा था?
अब्दुल्ला आजम ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि रामपुर की निचली अदालत में चल रही ट्रायल प्रक्रिया को रद्द किया जाए, क्योंकि इसमें दम नहीं है। लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी दलीलों को खारिज करते हुए साफ कर दिया कि ट्रायल जारी रहेगा।
कौन-कौन सी धाराएं लगी हैं?
इन मामलों में अब्दुल्ला आजम के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज बनाने जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं, जैसे: IPC की धारा: 420, 467, 468, 471, 120B, इसके साथ ही पासपोर्ट एक्ट की धाराएं भी लागू की गई हैं।
क्या कहना है बीजेपी विधायक का?
बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना का कहना है कि आजम खान और उनके बेटे ने झूठ और धोखाधड़ी से पहचान पत्र बनवाए और चुनाव लड़ा। अब सच्चाई सामने आ रही है।
अब आगे क्या होगा?
अब्दुल्ला आजम के खिलाफ रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में दोनों मामलों की सुनवाई तेजी से चलेगी। अगर दोष साबित होता है तो उन्हें कानूनी सजा भी हो सकती है।
