27 जुलाई: आम आदमी पार्टी ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के सामने स्थित दलित समाज के प्राचीन हैदर दास मंदिर को तोड़ने के लिए जारी नोटिस का कड़ा विरोध किया है. आप के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कुछ दिनों पहले शालीमार बाग में जैन समाज के मंदिर पर बुलडोजर चलवाया गया और अब दलित समाज के स्वामी हैदर दास मंदिर को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया है.
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने शनिवार () को पार्टी मुख्यालय पर विधायक विशेष रवि और संजीव झा के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता कर कहा, “यह मंदिर 1930 में बने इरविन अस्पताल के पहले से स्थापित है और यहां कई दलित महापुरुषों की समाधियां हैं. यहां धर्मशाला भी है, जो लोगों की सेवा करता है. ऐसे प्राचीन मंदिर को अवैध बताने दलित समाज बहुत आहत है. इस दौरान विधायक विशेष रवि और संजीव झा भी मौजूद रहे.”
‘भगवान को भी नहीं बख्श रही बीजेपी’
उन्होंने ये भी कहा, “दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने के बाद गरीब आदमी की शामत तो आई ही थी, अब भगवान को भी बख्शा नहीं जा रहा है. दो-तीन दिन पहले शालीमार बाग में जैन मंदिर पर बीजेपी सरकार ने बुलडोजर चला दिया. कुछ साल पहले बीजेपी की केंद्र सरकार की एजेंसी डीडीए ने तुगलकाबाद इलाके में वर्षों पुराने रविदास मंदिर पर बुलडोजर चलाया था.”
‘पीएम मोदी ने किया था वादा’
भारद्वाज ने कहा, “कालकाजी के मुख्य मार्ग को रविदास मार्ग कहते हैं. एक तरफ कालकाजी और दूसरी तरफ गोविंदपुरी का इलाका है. इसके अलावा इससे सटा तुगलकाबाद और संगम विहार है. दलित समाज के भारी विरोध के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया था कि सरकार अपने पैसे से रविदास मंदिर को बनवाएगी. लेकिन आज तक रविदास मंदिर नहीं बनवाया गया.”
‘मंदिर में हैं महापुरुषों की समाधियां’
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा, “प्राचीन स्वामी हैदर दास के मंदिर में दिल्ली के अंदर दलित समाज के सभी संत महापुरुषों की समाधियां हैं. स्वामी हैदर दास मंदिर आजादी के पहले का है. यह बहुत बड़ा मंदिर है, जो लगभग एक हजार वर्ग गज में फैला हुआ है.”
उन्होंने कहा, “यह स्थापित मंदिर है. इसके अंदर एक आश्रम चलता है. यह मंदिर मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के सामने है. आज भी मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों के परिजनों को अगर रूकने की कहीं जगह नहीं मिलती है तो वह इसी मंदिर में बने धर्मशाला में जाकर ठहरता है.”
‘1930 से भी पहले का है हैदर दास मंदिर’
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भारत 1947 में आजाद हुआ. आजादी से पहले 1930 में अंग्रेजों के जमाने में इरविन अस्पताल बन रहा था, स्वामी हैदर दास मंदिर उससे पहले का बना हुआ है. इरविन अस्पताल के निर्माण में लगे मजदूर भी इसी मंदिर में जाकर आराम करते थे. 1936 में इरविदन अस्पताल शुरू हुआ.”
‘मंदिर ने देखा है इतिहास’
उन्होंने बताया, “आजादी के बाद इरविन अस्पताल का नाम बदल कर लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल कर दिया गया. इसके बाद इसी में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज शुरू किया गया. इसके बाद आसपास जीबी पंत, गुरु नानक अस्पताल का पूरा कॉम्प्लेक्स बन गया. यह सारा इतिहास मंदिर ने देखा है.”
‘मंदिर को अतिक्रमण कहना गलत’
दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, “यह बहुत शर्म की बात है कि कुछ दिन पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में गईं और उन्होंने आदेश दिए कि आसपास की सारी जमीन एलएनजेपी और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की है. इसलिए सारे अतिक्रमण हटाए जाएंगे. मंदिर को अतिक्रमण कहना ही गलत है.”
