बीड 01 सितंबर 2025 : मुंबई के आज़ाद मैदान में मनोज जरांगे पाटिल मराठा आरक्षण के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं। उनके “चलो मुंबई” के आह्वान के बाद बड़ी संख्या में मराठा समाज के लोग आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। लेकिन बीड जिले के आहेरवडगांव के युवक भरत खरसाडे भी इस मोर्चे में शामिल होना चाहते थे।
परिवार की खराब आर्थिक स्थिति और जेब में पैसे न होने के कारण वह मुंबई नहीं जा पाए। पिता ने भी पैसे देने से इंकार कर दिया। इससे निराश होकर भरत ने ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली। बीते चार दिनों से उनका इलाज बीड के एक निजी अस्पताल में चल रहा था, जहां उनकी मौत हो गई।
परिजनों का कहना है कि भरत हर आंदोलन और मोर्चे में सक्रिय रूप से शामिल रहते थे। लेकिन इस बार आर्थिक तंगी के कारण शामिल न हो पाने से वे पूरी तरह टूट गए और उन्होंने यह कदम उठाया। परिवार ने सरकार से तुरंत आरक्षण देने और न्याय दिलाने की मांग की है।
नातेवाईकों का दर्द:
“सरकार आरक्षण पर जानबूझकर टालमटोल कर रही है। हमारे बेटे ने आंदोलन में न जा पाने की पीड़ा में जान दे दी। अब सरकार और कितने बली लेगी? हमें मदद और न्याय चाहिए।”
इससे पहले भी आत्महत्या
सिर्फ दो दिन पहले बीड जिले के अंबाजोगाई तहसील के सुगाव गांव में नितिन चव्हाण (उम्र 37) नामक युवक ने भी मराठा आरक्षण की मांग को लेकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
