• Fri. Dec 5th, 2025

यूपी का गांव जहां 37 साल से नहीं हुई FIR, समझौते से सुलझते विवाद

08 सितंबर 2025 : उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के सिधौली थाना क्षेत्र का नियामतपुर गांव पूरी तरह से शांति और भाईचारे की मिसाल बन गया है। यहां पिछले 37 वर्षों से कोई भी विवाद थाने तक नहीं पहुंचा है। गांव के लोग किसी भी झगड़े या मतभेद को आपसी बातचीत और समझौते से ही सुलझाते हैं, जिससे ना तो पुलिस को दखल देना पड़ता है और ना ही कोर्ट-कचहरी का सहारा लेना पड़ता है।

37 वर्षों से नहीं हुई कोई शिकायत
नियामतपुर ग्राम पंचायत में लगभग 1,400 लोग रहते हैं। गांव में बिजलीखेड़ा और नगरिया बहाव जैसे मजरे भी शामिल हैं। यहां के लोग बताते हैं कि 1988 से अब तक किसी भी मामले की शिकायत थाने तक नहीं गई। जो भी विवाद होता है, वह गांव के बुजुर्गों और पंचायत के सदस्यों के बीच बैठकों में सुलझा लिया जाता है। गांव के वर्तमान प्रधान अभय यादव बताते हैं कि यह परंपरा हमारे पिता ने शुरू की थी। 1988 में जब वे प्रधान बने तो उन्होंने सभी विवादों को आपसी समझौते से सुलझाने की व्यवस्था शुरू की। तब से आज तक किसी भी मामले में पुलिस की दखलअंदाजी नहीं हुई।

पुलिस भी आई, पर वापस लौट गई
गांव के बुजुर्ग महिपाल ने बताया कि एक बार एक ही परिवार के दो रिश्तेदारों में विवाद हो गया था। किसी ने 100 नंबर पर कॉल कर पुलिस बुला ली। पुलिस गांव पहुंची तो प्रधान और बुजुर्गों ने उन्हें समझाया कि वे खुद मामला सुलझा लेंगे। पुलिस ने बात समझकर वापस लौटना ही बेहतर समझा।

प्यार और भाईचारे से रहता है गांव
नियामतपुर के रहने वाले सूरज सिंह कहते हैं कि हमारे गांव में प्यार और भाईचारा है। हम चाहते हैं कि हमारा गांव हमेशा शांतिपूर्ण रहे। छोटे-मोटे विवाद होते भी हैं तो हम बैठकर मिल-बैठकर उन्हें सुलझा लेते हैं।

विकास में भी है आगे
नियामतपुर गांव सिर्फ शांति ही नहीं, बल्कि विकास की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है। यहां कृषि अनुसंधान केंद्र और एआरटीओ विभाग का कार्यालय भी है। गांव मुख्यालय से करीब 9 किलोमीटर दूर है और अपनी साफ-सुथरी परंपरा और शांतिपूर्ण माहौल के कारण चर्चा में रहता है।

पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा
आजकल छोटी-छोटी बातों पर विवाद थानों और अदालतों तक पहुंचते हैं, लेकिन नियामतपुर गांव देशभर के लिए एक मिसाल है। जहां के लोग मानते हैं कि पुलिस या कोर्ट-कचहरी में जाकर परिवार टूट सकते हैं, लेकिन आपसी समझौते से ना केवल विवाद सुलझ जाते हैं, बल्कि रिश्ते भी मजबूत होते हैं। गांव वाले यह भी कहते हैं कि वे चाहते हैं कि यह परंपरा आने वाली पीढ़ियों तक चले और नियामतपुर हमेशा शांति और भाईचारे का प्रतीक बना रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *