पंजाब 16 दिसंबर 2025 : भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक व आई.टी. विभाग के मंत्री अश्वनी वैष्णव को पूर्व सांसद, पूर्व पंजाब भाजपा अध्यक्ष इंजीनियर श्वेत मलिक दिल्ली में मिले व अमृतसर में स्थापित आई.टी. पार्क का शुभारंभ करने का निवेदन किया। इसे अश्वनी वैष्णव ने स्वीकार करते विश्वास दिलाया कि नव वर्ष में यह प्रोजेक्ट अमृतसर निवासियों को समर्पित होगा। पूर्व सांसद श्वेत मलिक के प्रयास से मोदी सरकार ने 20 करोड़ की लागत से उद्योगपतियों का ग्रोथ इंजन इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए सॉफ्टवेर पार्क अमृतसर में स्थापित करने की घोषणा की व 7 नवंबर 2016 को मलिक की उपस्थिति में पूर्व केंद्रीय आई.टी. मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस कार्य को आरंभ करवाने का शिलान्यास किया।
अमृतसर में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (STPI) की स्थापना के लिए 2.72 एकड़ जमीन वेरका वल्लाह में विकसित की गई है, यह परियोजना का भवन निर्माण पूर्ण हो गया है। मोदी सरकार द्वारा दी गई इस योजना का उद्देश्य अमृतसर व साथ लगते गुरदासपुर, पठानकोट, जालंधर, तरनतारन, पठानकोट क्षेत्र के बॉर्डर एरिया को उत्तर भारत के आईटी हब के रूप में विकसित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। मोदी सरकार के सहयोग से इस क्षेत्र में भारी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक, मोबाइल और कंप्यूटिंग, स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्टवॉच, ई-रीडर, GPS डिवाइस, टेलीविजन (LCD, LED, OLED), होम थिएटर सिस्टम, स्पीकर, हेडफोन, डीवीडी/ब्लू-रे प्लेयर, डिजिटल कैमरा, वीडियो गेम कंसो, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव ओवन, वैक्यूम क्लीनर, वाटर प्यूरीफायर, इलेक्ट्रिक आयरन, मिक्सर, जूसर, स्मार्ट लाइट, स्मार्ट स्पीकर, सुरक्षा कैमरे, कंप्यूटर, आर्टफ़िशियल इंटेलिजेंस उद्योग लगेंगे व अमृतसर में उद्योगपतियों का स्वर्णिम भविष्य के द्वार खुलेंगे और यह क्षेत्र उत्तर भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स और आई टी हब बनेगा।
मलिक ने बताया कि भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा उद्योगपतियों को इलेक्ट्रॉनिक उद्योग लगाने की तकनीकी शिक्षा, वित्तीय सहायता दी जाएगी साथ में उत्पादों की देश विदेश में बिक्री के लिए प्रदर्शनियों में उत्पाद बेचने की भारत सरकार व्यवस्था करेगी। मलिक ने कहा उनका सपना अमृतसर को उत्तर भारत का एक इलेक्ट्रॉनिक आईटी हब बनाना और स्थानीय तकनीकी विकास को बढ़ावा देना है जिससे अमृतसर में उद्योगिक क्रांति आए।
मलिक ने बताया सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ़ इंडिया (एसटीपीआई) इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक प्रमुख साइंस एवं टेक्नोलॉजी संगठन है, जो इन्टरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, कंप्यूटर विजन, रोबोटिक्स, रोबोटिक्स प्रोसेस ऑटोमेशन, ऑगमेंटेड एंड वर्चुअल रियलिटी, एनिमेशन एंड विजुअल इफेक्ट, गेमिंग के लिए विभिन्न डोमेन के लिए डेटा साइंस एंड एनालिटिक्स, फिनटेक, एग्रीटेक, मेडटेक, ऑटोनॉमस कनेक्टेड इलेक्ट्रिक एंड शेयर्ड मोबिलिटी, ईएसडीएम, साइबर सिक्योरिटी, इंडस्ट्री 4.0, ड्रोन, एफिशिएंसी ऑगमेंटेशन आदि जैसे उभरती हुई तकनीकों के क्षेत्र में आईटी उद्योग, नवाचार, रिसर्च एवं डेवलपमेंट, स्टार्ट-अप्स, उत्पाद/आईपी निर्माण को बढ़ावा देने में लगा हुआ है।
मलिक ने बताया मोदी सरकार का एसटीपीआई कॉन्सेप्ट देश का सबसे बड़ा युवाओं के लिए प्रौद्योगिकी स्टार्टअप इकोसिस्टम बनने के लिए संकल्पित है और नेशनल पालिसी ओन सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स (एनपीएसपी) 2019 में परिकल्पित नीतियों के सफल क्रियान्वन से भारत को सॉफ्टवेयर उत्पाद राष्ट्र के तौर पर स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। इसे प्राप्त करने के लिए एसटीपीआई ने एक सहयोगी मॉडल तैयार किया है, जिसमें सरकार, उद्योग, शिक्षा जगत और अन्य हितधारक स्टार्टअप्स उद्योगपतियों को एंड-टू-एंड सपोर्ट प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इलेक्ट्रॉनिक उद्योग रिसर्च के लिए एसटीपीआई स्टार्टअप्स को अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा, कौशल, सलाह, बाजार से जुड़ने और अन्य आवश्यक समर्थन प्रदान कर रही है।
मलिक ने बताया कि अमृतसर में बने इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद जहां देश-विदेश में बिकेंगे होंगे वहीं भारतीय सेना व रेलवे व अन्य सरकारी विभागों को भी बिक्री होंगे। श्वेत मलिक ने बताया कि एसटीपीआई (STPI) में हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर निर्यातकों और आईटी कंपनियों को कई सुविधाएं मिलती हैं, जिनमें मुख्य रूप से कस्टम ड्यूटी और अप्रत्यक्ष करों में छूट, पूंजीगत सामानों (जैसे कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर) के शुल्क-मुक्त आयात, 100% सिंगल विंडो क्लीयरेंस), और डेटा संचार (हाई-स्पीड इंटरनेट) सेवाएं, इंक्यूबेशन सेवाएं (स्टार्टअप के लिए), और तकनीकी सहायता शामिल हैं, जिससे उन्हें तेजी से काम शुरू करने और निर्यात बढ़ाने में मदद मिलती है।
एसटीपीआई योजना के कर लाभ (Tax Benefits):
आयकर छूट: कुछ वर्षों (आमतौर पर 10 साल) के लिए आयकर में छूट। सीमा शुल्क में छूट: पूंजीगत वस्तुओं, कच्चे माल और उपभोग्य वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी नहीं लगती। जीएसटी जैसे अप्रत्यक्ष करों में छूट l विकास के लिए आवश्यक मशीनरी और सॉफ्टवेयर का बिना कस्टम ड्यूटी के आयात।सिंगल-विंडो क्लीयरेंस, जिससे नौकरशाही द्वारा देरी कम होती है।100% निर्यात करने वाली उद्योगिक इकाइयों के लिए विशेष प्रोत्साहन।सस्ती ज़मीन वहाई-स्पीड इंटरनेट: इंटरनेट लीज्ड लाइन कनेक्टिविटी (IPLCs) और अन्य डेटा संचार सेवाएं।सर्वर, डेस्कटॉप और वायरस प्रबंधन जैसी सेवाएं। STPI (Software Technology Parks of India – एक संगठन के रूप में) द्वारा प्रदान की जाने वालीसेमिनार, कार्यशालाएं और प्रशिक्षण। संक्षेप में, एसटीपीआई उद्योगपतियो के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाता है, उन्हें करों और शुल्कों से राहत देता है, और उन्हें अत्याधुनिक संचार और बुनियादी ढांचा प्रदान करता है ताकि वे विश्व स्तर पर कंपीट कर सकें।
