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जलंधर के भीतरू इलाकों पर मंडरा रहा बड़ा खतरा, मच सकता है हाहाकार

जालंधर 29 जुलाई 2025 : शहरवासियों के लिए एक और मुश्किल भरा दौर शुरू होने वाला है। सीवरेज बोर्ड और जालंधर नगर निगम के अधीन चल रहा सरफेस वॉटर प्रोजैक्ट अब रफ्तार पकड़ चुका है, लेकिन इसकी कीमत अब अंदरूनी शहर के लोगों को भुगतनी पड़ेगी। आने वाले दिनों में पंजपीर चौक से लेकर मिलाप चौक, वहां से शास्त्री मार्केट चौक, फिर जीपीओ और बी.एम.सी. चौक तक सड़कों की खुदाई की योजना तैयार है। इससे जहां कई इलाकों में पानी-बिजली के कनैक्शन टूटने की आशंका है, वहीं लंबे समय तक लोगों को गड्ढों, मिट्टी से और कीचड़ से जूझना पड़ेगा। गौरतलब है कि यह प्रोजेक्ट जब अड्डा होशियारपुर चौक से शुरू हुआ था तब अंदरूनी इलाकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी थी।

अंदरूनी शहर के यह इलाके भी होंगे प्रभावित
पाइप डालने के लिए यह खुदाई मदन फ्लोर मिल से अर्जुन नगर पार्क, दीप नगर बडिंग गेट से अग्रवाल स्वीट्स तक, वेद माता कॉलोनी, धन्नोवाली रेलवे क्रॉसिंग, रेलवे क्रॉसिंग से दकोहा, अड्डा होशियारपुर से काजी मंडी, किशनपुरा चौक से एस.डी. स्कूल तथा नहर से बस्ती मिट्ठू रोड होते हुए जेपी नगर के फ्लैटों के पास स्थित टंकी तक प्रस्तावित है।

काम में तेजी, लेकिन साथ में परेशानी भी
ज्ञात हो कि यह प्रोजेक्ट वर्ष 2020 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य सतलुज दरिया के पानी को ट्रीट कर शहर के घरों तक पहुंचाना है। लेकिन शुरुआत से ही ये योजना रफ्तार नहीं पकड़ सकी। पिछले चार वर्षों में महज 32 किलोमीटर पाइपलाइन ही डाली जा सकी थी। अब, जबसे आम आदमी पार्टी के मेयर वनीत धीर ने करीब 6 महीने पहले कार्यभार संभाला है, प्रोजेक्ट में गति आई है और बीते 3-4 महीनों में ही 16 किमी काम पूरा हो गया है। अब महज 13-14 किलोमीटर कार्य शेष है, जिसमें से 5 किलोमीटर के लिए खुदाई की अनुमति मिल चुकी है।

पहले से खुदी सड़कों की हालत बेहद खराब
पिछले कुछ महीनों में जहां खुदाई हो चुकी है, वहां हालात बेहद खराब हैं। जी.टी.बी. नगर और महावीर मार्ग की सड़कों पर गड्ढे, धंसी हुई सड़कें और फैली हुई मिट्टी लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं। बरसात के दिनों में फिसलन, कीचड़ और ट्रैफिक जाम आम हो गए हैं। लोगों का कहना है कि एल. एंड टी. कंपनी द्वारा की गई खुदाई के बाद मिट्टी पूरे क्षेत्र में बिखरी पड़ी है, जिससे सांस लेने में तकलीफ और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। नगर निगम का दावा है कि बारिश के बाद मिट्टी बैठने पर सड़कें दोबारा बनाई जाएंगी और शहर को पहले जैसा साफ-सुथरा रूप दिया जाएगा, लेकिन तब तक शहरवासियों को भारी परेशानियों से गुजरना पड़ेगा। लोगों का कहना है कि काम की गति अच्छी बात है, लेकिन साथ ही वैकल्पिक मार्ग, साफ-सफाई और सड़कों की अस्थायी मरम्मत की उचित व्यवस्था की जाए, ताकि जनजीवन बुरी तरह प्रभावित न हो।

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