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‘नो PUC, नो फ्यूल’ का पहला दिन: 24 घंटे में 3,700+ वाहनों पर कार्रवाई

19 दिसंबर 2025 : दिल्ली में वायु प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ अभियान का असर पहले ही दिन साफ नजर आया। 17 और 18 दिसंबर के बीच राजधानी में 61,000 से अधिक प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) जारी किए गए, जबकि वैध PUC के बिना चल रहे 3,746 वाहनों के चालान काटे गए।

दिल्ली सरकार ने इस अभियान को सिर्फ दंडात्मक नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य से जुड़ा कदम बताया है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने गुरुवार को दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर, जनपथ समेत कई पेट्रोल पंपों का औचक निरीक्षण किया और नियमों के सख्त पालन के निर्देश दिए। उन्होंने पेट्रोल पंप कर्मचारियों से कहा कि वे नियमों को प्रभावी तरीके से लागू करें, लेकिन वाहन चालकों से शालीन और सहयोगात्मक व्यवहार रखें। मंत्री ने साफ कहा कि यह अभियान “चालान काटने से ज्यादा, लोगों की सेहत और साफ हवा सुनिश्चित करने” के लिए है।

बॉर्डर प्वाइंट्स पर कड़ी जांच, सैकड़ों वाहन लौटाए गए
अभियान के तहत दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीमों ने बॉर्डर प्वाइंट्स पर करीब 5,000 वाहनों की जांच की। जांच के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वाले 568 वाहनों को दिल्ली में प्रवेश से रोककर वापस भेजा गया। इसके अलावा 217 गैर-गंतव्य ट्रकों को ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की ओर डायवर्ट किया गया, ताकि शहर में अनावश्यक प्रदूषण को रोका जा सके।

प्रदूषण के अन्य स्रोतों पर भी एक्शन तेज
सरकार ने सिर्फ वाहनों पर ही नहीं, बल्कि प्रदूषण के अन्य प्रमुख स्रोतों पर भी समानांतर कार्रवाई की। बीते 24 घंटों में राजधानी की 2,300 किलोमीटर सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग कराई गई। इसके साथ ही 5,524 किलोमीटर क्षेत्र में एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया गया ताकि हवा में मौजूद धूल के कणों को कम किया जा सके। इसके अलावा 132 अवैध कचरा डंपिंग साइट्स को बंद किया गया और लैंडफिल साइट्स पर लगभग 38,019 मीट्रिक टन पुराने कचरे का निपटान किया गया। सरकार का कहना है कि आने वाले दिनों में अभियान को और व्यापक बनाया जाएगा, ताकि दिल्ली की हवा को सांस लेने लायक बनाया जा सके।

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