17 दिसंबर 2025 : उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के गूंजीपुर गांव के रहने वाले युवा क्रिकेटर प्रशांत वीर तिवारी ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर आईपीएल 2026 में जगह बनाकर ना सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया है। जैसे ही उनके चयन की खबर गांव पहुंची, खुशी की लहर दौड़ गई।
गांव से शुरू हुआ क्रिकेट का सफर
प्रशांत वीर तिवारी की शुरुआती पढ़ाई संग्रामपुर क्षेत्र के भारद्वाज एकेडमी और केपीएस स्कूल से हुई। पढ़ाई के साथ-साथ बचपन से ही उन्हें क्रिकेट का गहरा शौक था। उनकी प्रतिभा को देखकर शहर के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्टेडियम में तैनात कोच गालिब अंसारी ने उन्हें क्रिकेट की बारीकियां सिखानी शुरू कीं।
स्पोर्ट्स हॉस्टल मैनपुरी से मिली नई उड़ान
बेहतर प्रदर्शन के चलते प्रशांत का चयन स्पोर्ट्स हॉस्टल मैनपुरी में हो गया। यहां रहते हुए उन्होंने कक्षा 9 और 10 की पढ़ाई पूरी की और साथ ही क्रिकेट में भी खुद को निखारा। इसके बाद उन्होंने सहारनपुर से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की।
अंडर-19 से यूपी टी-20 लीग तक का सफर
प्रशांत वीर स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया की अंडर-19 टीम का भी हिस्सा रह चुके हैं। साल 2017 में उन्होंने सहारनपुर की एसबीयूए एकेडमी से क्रिकेट की प्रोफेशनल ट्रेनिंग ली। शुरुआत से ही वे एक ऑलराउंडर खिलाड़ी के रूप में पहचाने जाने लगे। पिछले तीन वर्षों से वे यूपी टी-20 लीग में नोएडा किंग्स टीम की ओर से शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।
रणजी और मुश्ताक अली में भी दिखाया दम
अपने बेहतरीन खेल के दम पर प्रशांत वीर ने इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब जीता। इसके अलावा वे मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी में भी खेल चुके हैं। रणजी टीम में उनके चयन की खबर से गांव में जश्न का माहौल बन गया।
परिवार को है बेटे पर पूरा भरोसा
प्रशांत के पिता रामेंद्र तिवारी, जो शिक्षा मित्र रह चुके हैं और हाल ही में नौकरी से इस्तीफा दिया है, ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि उनका बेटा जल्द ही भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनेगा। उनकी मां ने बताया कि बेटे के क्रिकेट करियर में कभी पैसों की कमी आड़े नहीं आई। उन्हें भी क्रिकेट पसंद है और वे अक्सर बेटे से क्रिकेट को लेकर बातचीत करती रहती हैं।
चेन्नई के लिए खेलना चाहते थे प्रशांत वीर
पिता ने यह भी खुलासा किया कि प्रशांत वीर की इच्छा हमेशा से चेन्नई की टीम के लिए खेलने की रही है। उन्होंने कहा कि उनके लिए पैसे से ज्यादा जरूरी यह है कि बेटा अपने सपनों को पूरा करे और देश-विदेश में नाम कमाए।
